साइकिल यात्रा से प्रकृति बचाने का संदेश

पटना : नारी की उपमा हमेशा प्रकृति से की जाती रही है. क्योंकि दोनों के साथ जब भी किसी तरह की छेड़छाड़ की जाती है, तो वह विकराल रूप धारण कर लेती हैं. ऐसे में यदि नारी स्वयं प्रकृति की रक्षक बन जाये, तो भला इनके सौम्य रूप से कौन नहीं प्रभावित हो. जी हां, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 6:06 AM
पटना : नारी की उपमा हमेशा प्रकृति से की जाती रही है. क्योंकि दोनों के साथ जब भी किसी तरह की छेड़छाड़ की जाती है, तो वह विकराल रूप धारण कर लेती हैं. ऐसे में यदि नारी स्वयं प्रकृति की रक्षक बन जाये, तो भला इनके सौम्य रूप से कौन नहीं प्रभावित हो. जी हां, कुछ इसी सोच के साथ निकल पड़ी है नेपाल की 250 बुद्विस्ट महिलाएं, जिन्होंने प्रकृति और नारी की रक्षा करने का संकल्प लिया है.
ये महिलाएं देश भर में लोगों की सोच बदलने चली हैं. टीम का नेतृत्व कर रहे नेपाल निवासी ग्यालवांग द्रुपका ने ठाना है, कि यदि महिला सशक्तीकरण एवं पर्यावरण को सुरक्षित करना है, तो पहले इनका सम्मान करना होगा. लिव टू लव कार्यक्रम की पहल करनेवाले पर्यावरण विद ग्यालवांग द्रुपका पूरे 250 महिलाआें के साथ एक ऐसे मिशन पर निकल पड़े हैं. जहां लोगों को बस प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दे रहे हैं.
जनवरी में पहुंचेंगे दिल्ली
एक ऐसी साइकिल यात्रा, जिसमें 250 महिलाएं शामिल हैं. एक ऐसे कैंपेन के साथ,जो न कि किसी व्यक्ति विशेष के लिए हैं, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं के लिए है. ताकि उन्हें समाज में सम्मान दिला सकें .
अब तक 17 दिनों की यात्रा करके वे नेपाल की सरहद पार कर ज्ञान की धरती नालंदा पहुंचे हैं. वे इस यात्रा में लोगों को इस बात के लिए तैयार कर रहे हैं, कि यदि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो क्यों नहीं हैं, क्या इसकी वजह कोई और है या फिर हम आप जैसे ही लोग हैं.
द्रुपका की यह यात्रा 18 नवंबर को नेपाल से शुरू हुई है, जो 9 जनवरी, 2016 काे दिल्ली पहुंच कर समाप्त होगी. बिहार के नालंदा के बाद राजगीर, गया, यूपी के गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, कानुपर व आगरा होते हुए दिल्ली तक का सफर तय करेंगे. इनकी पूरी टीम अलग-अगल राज्यों में पहुंच कर कैंप लगाती है.

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