बिहार में रंगदारी मांगने की घटनाओं में वृद्धि पर भड़के डॉक्टर

पटना : बिहार में चिकित्सा सेवा संस्थान सह वैयक्तिक सुरक्षा कानून 2011 लागू है. लेकिन बिहार के पूरे जिलों में इसका असर नहीं दिखायी दे रहा है. यही कारण है कि अपराधी खुलेआम डॉक्टरों से रंगदारी मांग रहे हैं और अपहरण कर रहे हैं. यह बातें सोमवार को गांधी मैदान के आइएमए हाल में कही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 6:17 PM

पटना : बिहार में चिकित्सा सेवा संस्थान सह वैयक्तिक सुरक्षा कानून 2011 लागू है. लेकिन बिहार के पूरे जिलों में इसका असर नहीं दिखायी दे रहा है. यही कारण है कि अपराधी खुलेआम डॉक्टरों से रंगदारी मांग रहे हैं और अपहरण कर रहे हैं. यह बातें सोमवार को गांधी मैदान के आइएमए हाल में कही गयी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आइएमए, भाषा के अध्यक्ष और बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के महासचिव आदि लोगों ने भाग लिया.

सभा को संबोधित करते हुए आइएमए के अध्यक्ष डा. सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि बिहार में लगातार हमले हो रहे हैं. असुरक्षा के महौल में डॉक्टर काम कर रहे हैं. बावजूद प्रशासन की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. खास बात तो यह है कि जब दोषी पाये जाते हैं तो डॉक्टर पर गलत इलजाम, झूठे मुकदमे कर दिये जा रहे हैं. वहीं आइएमएएएमएस बिहार अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैयक्तिक सुरक्षा कानून 2011 में बनाया था, जिसे 2014 में लागू किया गया. बावजूद इस एक्ट की तहत आज तक किसी भी अपराधी को पकड़ा नहीं गया है. नतीजा इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.

वहीं आइएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. जितेंद्र सिंह व बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के महासचिव रणजीत कुमार ने कहा कि प्रशासन डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाये और डा. सरफराज जमा, डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह सहित 8 डॉक्टरों को न्याय दिलाया जाये. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन डॉक्टरों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देगा तो सभी डॉक्टर आंदोलन के रूप अपनाने को मजबूर हो जायेंगे.

डॉक्टरों के हाल के दिनों में हुयी घटनाओं पर नजर डालें तो 30 सितंबर 2015को अररिया के नरपतगंज में डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह के रंगदारी मांगी गयी. वहीं 14 अक्तूबर 2015को खगड़िया के मील रोड में डॉ. आनंद कुमार से कुछ लोगों ने गाली गलौज एवं मारपीट किया. एफआरआइ दर्ज. 7 नवंबर 2015 को फुलवारी शरीफ के डॉ. मो. सरफराज से रंगदारी मांगने के एवज में हमला किया गया. इसमें दो हमलावार पाकिस्तान के थे, एफआइआर दर्ज. 20 नवंबर 2015को कटिहार सेमली के डा. मनोज कुमार ने एक्सीडेंट में घायल चार लोगों को रेफर किया, इसमें मौत होने पर डॉक्टर के साथ मारपीट. 24 नवंबर 2015को सीवान के डॉ. राज किशोर सिंह से रंगदारी मांगी गयी. नहीं देने पर उनके क्लीनिक में घुसकर गोली मार दिया गया.

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