बिहार को चाहिए विशेष राज्य का दर्जा, नहीं मिलने पर बेईमानी होगी : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रदेश को 1.25 करोड रुपये का विशेष पैकेज दिए जाने तथा 40 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश की घोषणा का आज स्वागत करते हुए उसके किर्यान्यवन की मांग की। इसके लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2015 3:17 PM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रदेश को 1.25 करोड रुपये का विशेष पैकेज दिए जाने तथा 40 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश की घोषणा का आज स्वागत करते हुए उसके किर्यान्यवन की मांग की। इसके लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को अपनी अध्यक्षता में इस सदन अथवा बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति गठित किए जाने का प्रस्ताव रखा.

बिहार विधानमंडल के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान गत 4 दिसंबर को राज्यपाल के हुए अभिभाषण पर सरकार की ओर से आज जवाब देते हुए नीतीश ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राजग के अन्य नेताओं द्वारा कही गयी बातों की ओर इशारा करते हुए कहा कि तरह-तरह के संवाद उस समय हुए और यहां तक आरोप लगाया गया कि कहीं राज्य सरकार इसको लौटा तक न दें.

पैकेज के लिए निगरानी समिति

उन्होंने कहा कि इस पैकेज पर ठीक ढंग से अमल होना चाहिए और कोई गलतफहमी नहीं रहनी चाहिए. नीतीश ने सदन के अध्यक्ष से कहा कि उनका एक प्रस्ताव है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित उक्त पैकेज का हम स्वागत करते हैं. उसके मुताबिक काम होना चाहिए और कोई देखे तो सही वह हो रहा है या नहीं. वह चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा को पुरानी योजनाओं की ‘रिपैकेजिंग’ कहा करते थे. उन्होंने सदन अध्यक्ष से अपनी अध्यक्षता में बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों :बिहार विधानसभा एवं परिषद: की एक संयुक्त समिति गठित किए जाने का सुझाव दिया.

विकास में कोई राजनीति नहीं

नीतीश ने कहा कि जनता जनादेश के जरिए सदन को चुनती है और लोकतंत्र में सबसे बडी चीज कथनी और करनी में अंतर.आप जो कहें उसे करें और जो कहा गया है उसका क्रियान्वयन किया जाना तथा उसे लागू किया जाना चाहिए. हमें विकास में कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए इस पर सबलोग एक राय हैं. यह केवल कागज पर नहीं जमीन पर उतर जाए इसके लिए सदन की समिति गठित किए जाने का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक इन योजनाओं का क्रियान्यवयन केंद्रीय एजंसियों द्वारा किया जाना है, पर अगर उसमें से कोई योजना राज्य सरकार के माध्यम से लागू की जानी है तो उसका भी अनुश्रवण उक्त समिति करेगी.

विपक्ष का हस्तक्षेप

मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए प्रदेश में बढते हुए आरोप लगाते हुए उनसे अपराध रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने तथा किसानों को धान क्रय पर 500 रुपये बोनस दिए जाने की मांग की. नीतीश द्वारा यह कहे जाने कि भाजपा और उसके गठबंधन शासित राज्यों सहित किसी अन्य राज्य ने बोनस का एलान नहीं किया है और अभी अधिप्राप्ति का मौसम शुरु हुआ है तथा धान अधिप्राप्ति को लेकर बैठक की है और बोनस को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, सभी बातों को गौर करके निर्णय लिया जाएगा.उनके यह कहने कि अगर बोनस देने का कोई फैसला होता है तो जितने लोगों को उसका लाभ मिलना है वह मिल जाएगा भाजपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए.

एनडीए में एकजुटता नहीं दिखी

बिहार विधानसभा में किसानों को बोनस देने की मांग को लेकर भोजनावकाश के पूर्व जहां राजग के घटक दल भाजपा, लोजपा, रालोसपा और हम सेक्युलर एकजुट दिखा पर पर राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के जवाब पर राजग में एकजुटता नहीं दिखी क्योंकि उनके जवाब से असंतुष्ट भाजपा जहां सदन से बहिर्गमन कर गयी.वहीं हम सेक्युलर के एक मात्र विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और रालोसपा सदस्य सदन में बैठे रहे और वे सदन से बहिर्गमन नहीं किए तथा मुख्यमंत्री से दिये गए पूरे जवाब को सुना.

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