19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मगध विश्वविद्यालय : हाइकोर्ट का बड़ा फैसला, 12 प्राचार्यों की नियुक्ति रद्द

पटना : पटना हाइकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के 12 प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी के एकलपीठ ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया. फैसले में कोर्ट ने विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार के कार्यकाल में नियुक्त हुए इन 12 प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया को अवैध करार देते […]

पटना : पटना हाइकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के 12 प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी के एकलपीठ ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया. फैसले में कोर्ट ने विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार के कार्यकाल में नियुक्त हुए इन 12 प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए तत्काल सभी संबंधित प्राचार्यों को पद से हटाने का आदेश दिया है.
अपने 44 पन्ने के आदेश में कोर्ट ने कुलाधिपति को अवैध नियु़क्ति के लिए दोषी लोगों को चिह्नित करने के लिए जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस अवैध नियुक्ति में कौन-कौन शामिल थे, इसका पता लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने इस संबंध में निगरानी की जांच को जारी रखने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि 12 प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए 353 आवेदन आये थे, जिनमें 166 आवेदकों ने साक्षात्कार दिया. 21 से 26 दिसंबर, 2012 तक साक्षात्कार लिया गया. इसके बाद 12 प्राचार्यों की नियुक्ति हुई.
एएन काॅलेज, पटना के प्रो विमल कुमार सिंह ने इस संबंध में हाइकोर्ट में याचिका दायर कर प्राचार्यों की नियुक्ति को चुनौती दी. याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि नियुक्ति प्रक्रिया में अारक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. पांच पद सामान्य कोटि के लिए निर्धारित किये गये थे, जबकि अनुसूचित जाति कोटे के लिए एक, पिछड़ा वर्ग के लिए चार, इबीसी के लिए एक, पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए एक पद अारक्षित था.
लेकिन, आरक्षण प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया. आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार कर 12 प्राचार्यों की नियुक्ति कर ली गयी, जबकि एक डाॅ उषा सिंह का चयन कर उन्हें रिजर्व रखा था. कोर्ट ने उनकी भी नियुक्ति को रद्द कर दिया है.
फर्जी हस्ताक्षर से खुद तैयार कर ली थी सूची
मगध विश्वविद्यालय में 2013 में 12 प्राचार्यों की नियुक्ति तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार के कार्यकाल में किया गया था. उस समय बिहार के राज्यपाल देवानंद कुंवर थे. इसमें तमाम नियमों को ताक पर रख कर गलत और अयोग्य लोगों को प्राचार्य बना दिया गया. जो लोग सेकेंड डिविजन से मैट्रिक पास थे, उन्हें सबसे ज्यादा अंक देकर गलत तरीक से योग्य लोगों से आगे कर दिया गया था.
इस तरह बड़े स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया में हेरा-फेरी करके कुलपति ने अपने तमाम पसंदीदा अभ्यर्थियों का चयन कर लिया. इसमें बड़े स्तर पर पैसे के लेने-देने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. चयन कमेटी में शामिल प्रो शिवजतन ठाकुर समेत अन्य के फर्जी हस्ताक्षर करके चयनित प्राचार्यों की सूची तैयार कर दी गयी.
प्रो ठाकुर ने इसकी शिकायत राज्यपाल और तत्कालीन शिक्षा मंत्री पीके शाही से की. इस मामले में प्रो ठाकुर के साथ प्रो सीपी सिंह (बीडी कॉलेज), प्रो िवमल प्रसाद सिंह (एएन कॉलेज) और प्रो एसी सिंह (जेपीविवि) प्रमुख रूप से थे.इसके बाद यह पूरा मामला सामने आया. शिक्षा विभाग ने शिकायत को सही पाते हुए इसकी जांच के लिए बीबी लाल कमेटी का गठन किया.
बीबी लाल कमेटी ने भी ठहराया था दोषी
बीबी लाल कमेटी ने करीब दो महीने तक पूरे मामले की जांच की और नवंबर, 2013 में राज्यभवन को इसकी रिपोर्ट सौंपी. इसमें तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार के अलावा मगध विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार डीके यादव, तत्कालीन मीटिंग ऑफिसर शमशुल इस्लाम समेत तीन-चार अन्य पदाधिकारियों को दोषी ठहराया गया था. साथ ही इन सभी 12 प्राचार्यों को भी दोषी ठहराया गया था.
निगरानी ने की पूरे मामले की दोबारा जांच
पहले तो बीबी लाल कमेटी की रिपोर्ट करीब दो महीने तक राजभवन में पड़ी रही. इसके बाद आये नये राज्यपाल डीवाइ पाटील ने इस पर कार्रवाई करने का सख्त आदेश मगध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति को दिया. इस आदेश के मद्देनजर मगध विवि ने कुछ कार्रवाई करके ही खानापूर्ति कर दी. इसके बाद यह मामला हाइकोर्ट गया. तब कोर्ट ने पूरे मामले की जांच नये सिरे से निगरानी से कराने का आदेश दिया. निगरानी को निर्धारित समय में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कोर्ट ने कहा.
2015 के शुरू में ही निगरानी को मिला जिम्मा
हाइकोर्ट में मामला जाने के बाद इस साल की शुरुआत में कोर्ट ने पूरे मामले की जांच नये सिरे से करने का आदेश दे दिया. निगरानी ने दो महीने में पूरी जांच करके हाइकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी. साथ ही इस मामले में निगरानी ने पूर्व वीसी प्रो अरुण कुमार, 12 प्राचार्य समेत अन्य को दोषी मानते हुए कुल 25 लोगों पर एफआइआर दर्ज की. इसमें पूर्व वीसी प्रो अरुण कुमार और प्रो प्रवीण कुमार को निगरानी ने गिरफ्तार भी किया. लेकिन, बाद में हाइकोर्ट ने इन्हें जमानत दे दी.
इस तरह से हुआ फर्जी बहाली का खेल
– मगध विवि ने 2012 के अंत में 12 प्राचार्यों की बहाली करने की सूचना जारी कर इसकी प्रक्रिया शुरू की.
– इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के कई मामलों में मगध विवि के पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार को हटाने का आदेश जारी कर दिया.
– यह आदेश 2013 के शुरुआत में आया था. इस समय बहाली की प्रक्रिया चल ही रही थी.
– इसके बाद मार्च, 2013 में तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार ने बैकडेट से विभिन्न कॉलेजों के 12 शिक्षकों को प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी कर दी.
– इन्हें 60 दिनों के अंदर ही अपने महाविद्यालय से विरमित पत्र और अनापत्ति पत्र लेकर ज्वाइन करने को कहा गया.
– जबकि ज्वाइनिंग लेटर पर जनवरी, 2013 की तारीख अंकित थी. यह मामला सामने आने पर कुछ शिक्षकों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से की.
– अप्रैल, 2013 को विभागीय विशेष सचिव ने राजपाल सचिवालय को मामले की विस्तृत जांच के लिए पत्र लिखा.
– इसके मद्देनजर अगस्त, 2013 में सेवानिवृत आइएएस बीबी लाल की एक सदस्यीय कमेटी को पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया. इसकी जांच रिपोर्ट कमेटी ने तीन महीने में राज्यपाल को सौंप दी.
सभी संबंधित कॉलेजों में कार्यरत प्राचार्यों को सूचित कर दिया गया है कि वे अपने कॉलेज के वरीय शिक्षकों को प्राचार्य का प्रभार सौंप दें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो छह घंटे के अंदर उन्हें स्वत: प्रभार मुक्त समझा जायेगा.
डॉ सुशील कुमार सिंह, कुलसचिव, एमयू
इनकी नियुक्ति हुई रद्द
प्राचार्य यहां कार्यरत
डॉ पूनम कुमारी नालंदा महिला कॉलेज, िबहारशरीफ
डाॅ अरुण रजक एमडीसी, नौबतपुर
डाॅ दिनेश प्र सिन्हा एसएस कॉलेज जहानाबाद
डाॅ उपेंद्र प्र सिंह टीएस कॉलेज, िहसुआ
डाॅ रेखा कुमारी एस िसन्हा काॅलेज िटकारी
डाॅ इंद्रजीत राय आरआरएससी, मोकामा
डॉ शशि प्रताप शाही एएनएससी, बाढ़
डाॅ वेद प्र चतुर्वेदी एसबीएएनसी, दरहेटा
डॉ शीला सिंह अारएमडब्ल्यूसी, नवादा
डॉ प्रवीण कुमार आरएलएसवाइसी, बख्तियारपुर
डॉ सुधीर कु मिश्रा एसडीसी, कलेर
डॉ दलबीर सिंह जीजीसी, पटना सिटी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें