अब हर साल 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति

अब हर साल 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति- 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगा खरमास – शादी व भूमि पूजन छोड़ करें हर अनुष्ठान, भगवान का मिलेगा आशीर्वाद संवाददाता, पटनाखरमास को लेकर लोगों के बीच कई धारणाएं होती हैं. इस कारण से लोग कोई भी शुभ काम करने से डरते हैं, लेकिन पंचाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 10:49 PM

अब हर साल 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति- 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगा खरमास – शादी व भूमि पूजन छोड़ करें हर अनुष्ठान, भगवान का मिलेगा आशीर्वाद संवाददाता, पटनाखरमास को लेकर लोगों के बीच कई धारणाएं होती हैं. इस कारण से लोग कोई भी शुभ काम करने से डरते हैं, लेकिन पंचाग के मुताबिक इस एक माह की अवधि में शादी-विवाह व जमीन से जुड़ा कोई नया काम नहीं करना चाहिए. इस बार खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा. ऐसे में 2016 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जायेगी. अब यह लोगों के लिए बीती बात हो जायेगी कि वे कभी 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया करते थे. इस बार संक्रांति सुबह सवा सात बजे से शुरू हो जायेगी. 07 : 32 मिनट पर मकर का सूर्य : सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन मकर सक्रांति मनाया जाता है. इस साल 15 जनवरी को सुबह सात बजकर 32 मिनट पर मकर के सूर्य है. इसलिए सक्रांति का पूर्णकाल इसी दिन मनाया जायेगा. यह अगले कई वर्षों तक चलेगा. खरमास का क्या है अर्थ वेदों के मुताबिक खरमास का अर्थ होता है. खराब महीना. इसमें कोई शुभ कार्य को नहीं करना होता है. लेकिन, इसमें शुभ काम को भी ऐसे बांटा गया है. जैसे शादी-विवाह नहीं करना है या उससे जुड़ा कोई भी सामान या लेन देन करने का सामान को खरीद कर घर में नहीं रखना है. इसी तरह भूमि पूजन या भूमि से जुड़ा कोई नया काम नहीं करना चाहिए. जैसे नया मकान नहीं बनाना है. नयी जमीन नहीं खरीदनी है. गृह प्रवेश नहीं करना है. इसके अलावा अन्य अनुष्ठान को करने में कोई परेशानी है. अगर किसी चीज के बिना कोई कार्य बाधित होता है, तो उसे भी खरीदा जा सकता है. कहते हैं ज्योतिषाचार्य अब हर साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनायी जायेगी. इसका मुख्य कारण है कि 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास रहेगा. पूर्व में खरमास 14 दिसंबर से शुरू होकर 13 जनवरी को खत्म हो जाता था, लेकिन दिन व रात का छोटा होना और पंचाग में इसके कई कारण दिए गये हैं. – पं श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

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