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केंद्र की राशि का हो रहा इंतजार

पटना : राज्य के जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों (डीआरडीए) में कार्यरत कर्मियों का वेतन भुगतान बंद है. केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलने के कारण जिलों को राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह राज्य को 40 करोड़ अतिरिक्त राशि जल्द […]

पटना : राज्य के जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों (डीआरडीए) में कार्यरत कर्मियों का वेतन भुगतान बंद है. केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलने के कारण जिलों को राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह राज्य को 40 करोड़ अतिरिक्त राशि जल्द जारी करे. राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी तो अभिकरण द्वारा कराये जा रहे कार्य प्रभावित हो जायेंगे. जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों में कार्यरत कर्मियों के वेतनादि के भुगतान में हो रहे विलंब के कारणों की समीक्षा के क्रम में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने पाया कि केन्द्र सरकार द्वारा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (प्रशासन) के वेतन मद में सहायक अनुदान की राशि जिलों को उपलब्ध नहीं करायी गयी है.
जिन जिलों के लिये राशि उपलब्ध करायी भी गयी है वह भारत सरकार की मार्गदर्शिका के अनुरूप आवंटित नहीं है. श्री कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014–15 में 24 जिले–अररिया, पूर्वी चम्पारण, जमुई, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, समस्तीपुर एवं सीवान, अरवल, औरंगावाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, नालन्दा, सीतामढ़ी, सुपौल, वैशाली एवं पश्चिम चम्पारण को द्वितीय किस्त की राशि उपलब्ध नहीं हुई है.
इन जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों में कार्यरत कर्मियों को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. वित्तीय वर्ष 2015–16 में खर्च का आकलन 45 करोड़ 16 लाख 28 हजार का है. 32 जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों के लिये मात्र छह करोड़ 65 लाख प्रथम किस्त के रूप में ही उपलब्ध कराये गये हैं.
वित्तीय वर्ष 2015–16 में भी राज्य के चार जिलों मुजफ्फरपुर, रोहतास, नवादा एवं पूर्णियां के लिये प्रथम किस्त की राशि देने का प्रस्ताव भारत सरकार के पास लंबित है. वर्तमान में 13 जिले–औरंंगावाद, बेगूसराय, छपरा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, समस्तीपुर, मधेपुरा, नालन्दा, मधुबनी, वैशाली, पश्चिम चंपारण एवं पटना के लिये द्वितीय किस्त का प्रस्ताव ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के पास लंबित है.भारत सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया था, पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है.
प्रत्येक वर्ष इस मद में पांच प्रतिशत राशि वृद्धि करने का प्रावधान है.भारत सरकार द्वारा वृद्धि की बात तो दूर अपेक्षित राशि भी जिलों को नहीं उपलब्ध करायी जा रही है. ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष की आवश्यकताओं तथा बकाये भुगतान के मद्देनजर राज्य में इस मद में लगभग 40 करोड़ अरिरिक्त केंद्रीय अनुदान की आवश्यकता है.

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