पटना. हाइकोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित की गयी 65वीं संयुक्त प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली रिट याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने निकेश कुमार सांवरी सहित अन्य कई उम्मीदवारों की ओर से दायर रिट याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया.
रिट याचिकाकर्ताओं ने बीपीएससी द्वारा छह मार्च को घोषित की गयी प्रारंभिक (पीटी) परीक्षा के रिजल्ट को निरस्त करने के लिये यह याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी. याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को यह बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गये सवालों में से आठ प्रश्न सही नहीं थे. इन गलत प्रश्नों के उत्तर सुधार कर आयोग को नये सिरे से रिजल्ट जारी किया जाना चाहिए. एक या दो अंक से चूके हैं आवेदक : कोर्ट को यह भी बताया गया कि सभी आवेदक एक या दो अंक से पीटी परीक्षा में पास होने से चूक गये है.
आयोग अगर अपने आठ प्रश्नों के उत्तर को सुधार दे, तो ये सभी उम्मीदवार पीटी परीक्षा में सफल हो जायेंगे. वहीं, आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 15 अक्तूबर, 2019 को हुई पीटी की परीक्षा के बाद आयोग ने छात्रों से आपत्ति मांगी थी. इसके बाद आयोग में करीब 697 आपत्तियां आयी थीं. इन आपत्तियों की जांच के लिए आयोग ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया. एक्सपर्ट कमेटी की राय के बाद एवं मिली हुई आपत्तियों को निष्पादित करने के बाद ही आयोग द्वारा रिजल्ट जारी किया गया.
प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को जारी करने के बाद ही मुख्य परीक्षा के लिये तिथि घोषित की गयी. मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थी आवेदन जमा कर रहे हैं. कोर्ट ने आयोग की ओर से दी गयी दलील को मंजूर करते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया. निरस्त किये गये शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई छह जुलाई को पटना. शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 (एसटीइटी) पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
पहले इस परीक्षा को रद्द करने की गुहार हाइकोर्ट से लगायी गयी थी . अब इस परीक्षा को रद्द करने संबंधी बोर्ड के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी हैं. शिक्षक पात्रता परीक्षा, 2019 को रद्द कर नये सिरे से परीक्षा लेने संबंधी बोर्ड के आदेश को चुनौती देते हुए फिर से एक रिट याचिका पटना हाइकोर्ट में दायर की गयी है, जिस पर बुधवार को आंशिक सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई छह जुलाई को निर्धारित करते हुए बोर्ड को निर्देश दिया कि वह इस परीक्षा के ओएमआर शीट को नष्ट नहीं करेगा.