नीतीश ने दिया जल संसाधन विभाग को टॉस्क
पटना : बिहार में सिंचाई और समय पर बाढ़ नियंत्रण के लिए जल संसाधन विभाग का ढ़ाचा परिवर्तित होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग को ढ़ांचा परिवर्तन का प्रस्ताव जल्द-से-जल्द तैयार करने को कहा है. विभागीय अधिकारियों को उक्त टॉस्क मंगलवार को उन्होंने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में दी. बैठक में उन्होंने कहा […]
पटना : बिहार में सिंचाई और समय पर बाढ़ नियंत्रण के लिए जल संसाधन विभाग का ढ़ाचा परिवर्तित होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग को ढ़ांचा परिवर्तन का प्रस्ताव जल्द-से-जल्द तैयार करने को कहा है. विभागीय अधिकारियों को उक्त टॉस्क मंगलवार को उन्होंने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में दी. बैठक में उन्होंने कहा कि जल संसाधन के मुख्यत: दो कार्य हैं. एक सिंचाई और दूसरा बाढ़ नियत्रंण. दोनों कार्यों को अधिक कारगर ढंग से समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिये आवश्यकता के अनुरुप पुनर्गठन या ढांचागत परिवर्तन की जरूरत हो, तो इसके लिये सभी पहलुओं पर विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार क्या जाये.
उन्होंने विभागीय सचिव को जल्द-से-जल्द सरकार के समक्ष प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि विभाग द्वारा सिंचाई की चल रही सभी परियोजनाओेंं की समीक्षा कर प्राथमिकता के आधार पर तय किये जाये. किन परियोजनाओेंं के शुरू होने मेेंं कम समय की आवश्यकता है, उन्हें चिन्हित कर अभियान चलाकर पूरा किया जाये, ताकि कम- से- कम समय मेेंं अधिक परियोजनायें पूरी हो सके और उसका लाभ लोगोेंं को मिल सके. उन्होेनेेंं कहा कि परियोजनाओेंं को लेने के साथ निरंतर कार्य करते हुये उसे समय पर पूरा करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये. परियोजनाओेंं के पूर्ण होने में
किसी प्रकार के विलंब को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि परियोजनाओेंं के साथ उसके संधारण का कार्य भी सम्मिलित हो, ताकि अलग से उसके मेेंंटेेंंनेंंस के लिये कोई योजना बनाने की आवश्यकता न पड़े. उन्होंनेे सिंचाई योजना की सृजित क्षमता के अनुरूप उसकी उपयोगी सिंचाई क्षमता हो, इसे सुनिश्चित किया जाये, ताकि सृजित क्षमता के अनुरूप सिंचाई का काम हो सके और किसानोेंं को अधिक- से- अधिक सिंचाई का लाभ मिल सके. समीक्षा बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से विभाग का विजन डॉक्यूमेंट 2016–20 भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें विभाग की सरंचना, कार्यों एवं परियोजनाओं की विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. सीएम ने विभाग को सूबे में नदी बहाव और प्रकृति के व्यहार के अध्य्यन के लिए विशेष संस्थान की स्थापना करने का प्रस्ताव भी तैयार करने का निर्देश दिया.