इको पार्क जैसे होंगे शहर के अन्य बड़े पार्क
इको पार्क जैसे होंगे शहर के अन्य बड़े पार्क वन विभाग के पास ही रहने दिया जाये पार्कशहर के चार प्रमुख पार्कों में शुरू हुआ प्रवेश शुल्क लाइफ रिपोर्टर. पटना शहर को सुंदर बनाने के लिए पार्कों को डेवपल करने की जिम्मेदारी वन विभाग को धीरे-धीरे सौंपी जा रही है. करीब दो माह पहले नगर […]
इको पार्क जैसे होंगे शहर के अन्य बड़े पार्क वन विभाग के पास ही रहने दिया जाये पार्कशहर के चार प्रमुख पार्कों में शुरू हुआ प्रवेश शुल्क लाइफ रिपोर्टर. पटना शहर को सुंदर बनाने के लिए पार्कों को डेवपल करने की जिम्मेदारी वन विभाग को धीरे-धीरे सौंपी जा रही है. करीब दो माह पहले नगर निगम से मिले चार बड़े पार्क एसके पुरी का चिल्ड्रेन पार्क, कंकड़बाग का शिवाजी पार्क, राजवंशी नगर का नवीन पार्क व हार्डिंग पार्क में नये सिरे के साथ विकास की योजनाएं तैयार हो रही है. एसके पुरी पार्क में तेज गति से डेवलपमेंट का काम चल रहा है. स्ट्रीट लाइट से लेकर शो लाइट तक लगाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. डीएफओ, पटना गोपाल सिंह ने कहा कि कुल छह पार्क अभी दिये गये हैं. फिलहाल 64 पार्क नगर निगम के अधिन हैं. जितमें भी पार्क मिले हैं, सभी को इको पार्क की तर्ज पर बनाया जायेगा. अभी डेवलपमेंट के लिए वन विभाग ही खर्च कर रहा है. मंगलवार से एसके पुरी का चिल्ड्रेन पार्क, कंकड़बाग का शिवाजी पार्क, राजवंशी नगर के नवीन पार्क और हार्डिंग पार्क में पांच रुपये शुल्क लगने लगा. पहले दिन शुल्क लगने से लोगों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही. नियम के अनुसार सात बजे संध्या में पार्क बंद हो गये. वहीं पार्क में बढ़ रही सुविधा को देखते हुए कुछ लोग खुश हुए, तो कुछ प्रवेश शुल्क लगने से नाराज दिखे. ये छह पार्क बनेगा शहर का दूसरा इको पार्क वन विभाग इको पार्क के तर्ज पर शहर के छह पार्को को सुंदर बनायेगा. इसको लेकर राजधानी के छह बड़े पार्क दिये गये हैं. एसके पुरी का चिल्ड्रेन पार्क, कंकड़बाग का शिवाजी पार्क और राजवंशी नगर के नवीन पार्क में नये सिरे के साथ विकास का काम होगा. वैसे हार्डिंग पार्क में विकास का काम लगातार जारी है. इसके साथ पुलिस कॉलोनी के दो छोटे पार्क सेक्टर सी और सेक्टर डी पार्क भी वन विभाग ही डेवलप करेगा. 12 को कुछ यूं लिया था स्टैंडिंग कमेटी ने फैसला नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद नगर निगम ने पार्कों को वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया था, लेकिन नगर निगम के 12 दिसंबर को हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में वन विभाग को दिये गये पार्क को वापस लेने का निर्णय लिया था. उस निर्णय को नगर आयुक्त ने विभाग को भी उपलब्ध करा दिया था. विकास योजनाओं का इस्टिमेट बनाने के लिए स्वतंत्र होगा वन विभागनगर विकास विभाग के द्वारा हस्तांतरण के बाद वन विभाग के पास पार्क का पूरा अधिकार होगा. हालांकि पार्क में जितने भी कर्मचारी बहाल हैं, उन्हें हटाया नहीं जायेगा. वे सभी कर्मचारी पार्क में पहले की तरह काम करते रहेंगे. पार्क के विकास की योजनाओं का इस्टिमेट बनाने के लिए वन विभाग पूरी तरह अधिकृत होगा. ना तो उसे तकनीकी स्वीकृति कराने के लिए ना ही ज्वाइंट रिपोर्ट के लिए नगर निगम की बाट जोहनी होगी. प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने वन विभाग को फिलहाल इन पांचों पार्क में कुछ बुनियादी बिंदुओं पर काम शुरू करने के लिए कहा है. वन विभाग अब डेवलपमेंट की योजना बनाना शुरू कर चुका है. जल्द ही इन सभी पार्क में आपको बुनियादी तब्दीली दिखाई देने लगेगी.इन मुद्दों पर होगा काम?-सभी पार्क में ओपेन गार्डन जिम-आरओ वाटर कूलर सिस्टम-नौ फुट चौड़ा होगा पाथ वे-सड़कों पर होगा टाइल्स-बैठने के लिए बनेंगे और बेंच-सभी पार्क में होगा रिवाल्विंग गेट-हर पार्क के लिए नियुक्त होंगे दो सुरक्षा गार्ड-डस्टबीनों की संख्या बढ़ेगीपहले दिन चार पार्क में शुरू हुई शुल्क एसके पुरी पार्क – 350 व्यक्तिशिवाजी पार्क – 425 व्यक्तिनवीन पार्क – 250 व्यक्तिहार्डिंग पार्क – 45 व्यक्तियह भी पढ़ें प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति पांच रुपये (तीन वर्ष से उपर)60 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिमाहमार्च से अक्तूबर प्रात: 10 बजे से सायं आठ बजेमाह नवंबर से फरवरी प्रात: 10 बजे से सायं सात बजे तकसुबह में पांच से प्रात: आठ बजे तक प्रवेश नि:शुल्क शुल्क लगने से कुछ खुश, तो कुछ नाराज पिछले कुछ दिनों से पार्क की स्थिति काफी सुधरी है. वन विभाग के अधिन आने से पार्क बेहतर हुआ है. काफी बदलाव भी हुआ है. 60 रुपये हर माह रखा गया है यह सही है. आरएस शर्माशुल्क लगने से पार्क मेंटेन रहेगा. इसके साथ ही कुछ और सुविधा पार्क में बढ़े तो बेहतर रहेगा. शहर का हर पार्क वन विभाग के अधिन कर दिया जाये.सुशील कुमार जरूरी है मेंटेन रखने की. शुल्क कम रखना चाहिए. पांच रुपये न रख कर दो रुपये शुल्क रखा जाना चाहिए. जो हमेशा आते है उनके लिए तो 60 रुपये ठीक है, लेकिन छोट-छोटे पार्क में दो रुपये ही शुल्क रखना चाहिएगोविंद पांडेयबदलाव जरूरी है. वन विभाग को वन संबंधि समझ भी है. वन विभाग के अधिन पार्क रहने से बेहतर होगा. शहर की सुंतरता बढ़ेगी. शहर के प्रमुख पार्क वन विभाग को ही देना चाहिएअजय कुमार शुल्क पांच रुपये काफी है. इसमें कमी होनी चाहिए. अब पांच रुपये लगा कर टाइम बिताना सही नहीं होगा. सभी सुविधा के साथ ही शुल्क लेनी चाहिएअनुपम बच्चों के साथ करीब 12 वर्ष के बच्चों को पार्क में इंट्री फ्री होनी चाहिए. इसके लिए वन विभाग को कुछ करना चाहिए. वैसे वन विभाग पार्क को बेहतर बना रही है. सौरव