17 बार नोटिस के बाद भी नहीं आये पूर्व मंत्री

पटना : राज्य मानवाधिकार आयोग में मंगलवार को पूर्व परिवहन मंत्री रमई राम को 17वीं बार बुलाया गया था. परंतु हर बार की तरह उनके वकील ही हाजिर हुए, पूर्व मंत्री सुनवाई से नदारद रहे. इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जज मान्यधाता सिंह ने कहा कि उनके वकील को नहीं, अदालत ने उन्हें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 6:10 AM

पटना : राज्य मानवाधिकार आयोग में मंगलवार को पूर्व परिवहन मंत्री रमई राम को 17वीं बार बुलाया गया था. परंतु हर बार की तरह उनके वकील ही हाजिर हुए, पूर्व मंत्री सुनवाई से नदारद रहे. इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जज मान्यधाता सिंह ने कहा कि उनके वकील को नहीं, अदालत ने उन्हें बुलाया है.

22 दिसंबर को उन्हें हाजिर होने की अंतिम तारीख दी जाती है. अगर वे इस दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे, तो मानवाधिकार आयोग एक तरफा फैसला सुना देगा. इसके बाद पूर्व मंत्री से किसी तरह का कोई पक्ष न सुना जायेगा और न ही उनकी कोई बात सुनी जायेगी.

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री रमई राम पर 2012 में मानवाधिकार आयोग में अपने नौकर को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था. इसके बाद से मानवाधिकार आयोग ने उन्हें 17 बार नोटिस जारी करने बुलाया, लेकिन वे एक बार भी नहीं उपस्थित नहीं हुए. उनकी इस लापरवाही और नजरअंदाज करने के रवैये से आजीज होकर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.

यह है मामला

पूर्व मंत्री पर अपने नौकर आनंदु पासवान को प्रताड़ित करने का आरोप है. जब वे मंत्री थे, तो उनके आवास पर आनंदु काम करता था. इसी दौरान गाय ने हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया था. परंतु उसे इलाज कराने के बजाये पूर्व मंत्री मुजफ्फरपुर ले जाया गया और रास्ते में ही उसे उताकर घायल अवस्था में ही छोड़ दिया गया.

बड़ी मुश्किल से उसके परिजनों और दोस्तों ने चंदा इकट्ठा करके इलाज कराया. इससे आजिज होकर नौकर ने मानवाधिकार आयोग में पूर्व मंत्री के खिलाफ शिकायत की थी. इस मामले की सुनवाई तीन साल से चल रही है.

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