पढ़ने को क्लास रूम नहीं छह साल से चार कमरों में बंद है इवीएम

पटना : बच्चों के पढ़ने के लिए क्लास रूम नहीं हैं, पर स्कूल में अन्य गतिविधियों के लिए कमरे जरूर उपलब्ध करा दिये जाते हैं. यह हाल है शहीद देवीपद चौधरी (मिलर) प्लस टू विद्यालय का. जहां बच्चों के पढ़ने के लिए क्लास रूम तो है, पर उनमें पढ़ नहीं पाते. क्योंकि उन क्लास रूमों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 6:25 AM
पटना : बच्चों के पढ़ने के लिए क्लास रूम नहीं हैं, पर स्कूल में अन्य गतिविधियों के लिए कमरे जरूर उपलब्ध करा दिये जाते हैं. यह हाल है शहीद देवीपद चौधरी (मिलर) प्लस टू विद्यालय का.
जहां बच्चों के पढ़ने के लिए क्लास रूम तो है, पर उनमें पढ़ नहीं पाते. क्योंकि उन क्लास रूमों में पिछले छह वर्षों से ताले लगे हैं. वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान स्कूल के चार कमरों में इवीएम रखा गया था, जो आज तक नहीं हटाया गया है. इससे स्कूल में बच्चों के पढ़ने के लिए क्लास रूम कम पड़ रहे हैं.
क्लास रूम में ही कार्यालय
स्कूल कैंपस दो भागों में बंटा है. स्कूल के आगे केभाग में नौवीं-दसवीं की पढ़ाई होती है. वहीं, कैंपस के पीछेवाले भाग में प्लस-टू की पढ़ाई होती थी. जहां अलग से कमरे भी बनाये गये थे.
लेेकिन, बीते छह सालों से पीछे के भाग में बने कमरों में जिला मध्याह्न भोजन का कार्यालय व चार कमरों में इवीएम मशीन रखा गया है. इससे पूरी तरह से प्लस-टू के क्लास रूम में अतिक्रमण है. वहीं, उसी कैंपस में राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, चिरैयाटांड़ भी संचालित हैं. इसके लिए अलग से कार्यालय भी खोले गये हैं. ऐसे में बच्चों के पढ़नेवाले क्लास रूम का प्रयोग कार्यालय के रूप में हो रहा है. इससे एक-एक क्लास रूम में 80-90 बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ रही है.
13 कमरे, 1000 बच्चे
1952 में स्थापित मिलर हाइस्कूल में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 1,000 है. इनमें नौवीं-दसवीं में 500 और 11वीं व 12वीं में 500 बच्चे हैं. कैंपस में कुल 13 कमरे हैं. जहां बच्चे पढ़ाई करते हैं. इन कमरों में भी कभी परीक्षाआयोजित होने व दूसरे विद्यालय संचालन होने से अक्सर बच्चों को आठ से दस कमरों में काम चलाना पड़ता है.
कई बार पत्र लिखा
हमारे यहां कमरों की कमी है.
इवीएम रखे होने से चार कमरे पूरी
तरह से बंद है. इन्हें हटाने के लिए कई बार डीइओ व शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखा गया है. बावजूद इसके इसे नहीं हटाया जा रहा है. इससे भवन का देखरेख व उसका निर्माण कार्य भी बाधित है.
बनारस प्रसाद सिन्हा, प्राचार्य, मिलर हाइस्कूल
नहीं है जानकारी
इस बात की कोई जानकारी हमें नहीं है. पूर्व में यदि आवेदन आये होंगे, तो इसे चेक करना होगा. स्टाफ की कमी से कई पुरानी फाइलों का काम बाधित है. अगर समस्या है, तो इसे हटाया जायेगा.
शशिभूषण राय, जिला शिक्षा
पदाधिकारी

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