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पीएमसीएच वेंटिलेटर पर, हवा में जा रहा ऑक्सीजन

पीएमसीएच वेंटिलेटर पर, हवा में जा रहा ऑक्सीजनफोटो जेपी देंगे – पाइपलाइन में लीकेज, मरीजों को नहीं मिल पा रहा ऑक्सीजन- कई बेड के ऑक्सीजन बंद, वार्ड में मची अफरातफरी- हर महीने लाखों रुपये जाता है कंपनी को, अधिकारी नहीं दे रहे कोई ध्यानआनंद तिवारी, पटनाराजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बदहाल सुविधाओं […]

पीएमसीएच वेंटिलेटर पर, हवा में जा रहा ऑक्सीजनफोटो जेपी देंगे – पाइपलाइन में लीकेज, मरीजों को नहीं मिल पा रहा ऑक्सीजन- कई बेड के ऑक्सीजन बंद, वार्ड में मची अफरातफरी- हर महीने लाखों रुपये जाता है कंपनी को, अधिकारी नहीं दे रहे कोई ध्यानआनंद तिवारी, पटनाराजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बदहाल सुविधाओं के कारण मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. अस्पताल में गंभीर हालत में लाये जा रहे मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर तक का इंतजाम नहीं है. वहीं, जहां पाइपलाइन के सहारे ऑक्सीजन पहुंचनी चाहिये, वहां भी पाइपलाइन लीक होने से मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उसने पिछले चार सालों से पाइपलाइन की मरम्मत भी नहीं की है. पुरानी पाइप से ऑक्सीजन आपूर्ति करने के कारण यह परेशानी हो रही है. इमरजेंसी आइसीयू में ऑक्सीजन का लिक्विड फैला हुआ है. इसकी गंध से भी मरीजों को परेशानी होती है. बिना ऑक्सीजन की बितायी रातकेस 1 : इमरजेंसी आइसीयू के बेड नंबर 30 पर ब्रेन का इलाज करा रहे कामेश्वर प्रसाद को उस समय परेशानियों का सामना करना पड़ गया, जब उनके लगाये गये मास्क में ऑक्सीजन नहीं आ रहा था. उनके परिजन मनीष कुमार ने डॉक्टरों से इस बारे में बताया, तो वे भी कन्नी काट लिये. घटना मंगलवार की है. जब उनके परिजनों ने हंगामा किया, तो टेक्नीशियन की टीम आयी और ऑक्सीजन पाइप को दुरुस्त किया. केस 2 : आइसीयू के बेड नंबर 28 के पाइप की लीकेज से उस बेड पर इलाज करा रही शकुंतला देवी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शकुंतला को पूरी तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी तबीयत कई बार खराब हो गयी है. उनके परिजन प्रमोद कुमार इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं, फिर भी पाइप की लीकेज सही नहीं हो पायी है.सर्टिफिकेट में सही, हकीकत कुछ और ऑक्सीजन पाइपलाइन व्यवस्था पीएमसीएच के सर्टिफिकेट में सही चल रही है. इसके जिम्मेवार वार्ड के मैनेजर और इंचार्ज नर्स सभी पाइपलाइन को सही बता रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि एक वार्ड में करीब आठ से 10 मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. मरीजों के बेड तक पहुंचता है ऑक्सीजन पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड, राजेंद्र सर्जिकल और प्रसूति विभाग के आइसीयू आदि वार्ड में मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है. इसके लिए अलग लिक्विड टैंक अस्पताल में बनाया गया है. सिलेंडर ले जाने की झंझट को देखते हुए छह साल पहले पीएमसीएच के छह प्लांट में इसकी सुविधा दी गयी है. इससे पहले पीएमसीएच में सिलेंडर सिस्टम था. कोटऑक्सीजन आपूर्ति का जिम्मा कंपनी और उनके टेक्नीशियन काे है. वहीं, देखभाल का जिम्मा वार्ड मैनेजर व इंचार्ज नर्स को है. आपने जो गड़बड़ियां बतायी हैं, मै इस बारे में इसके जिम्मेदार अधिकारियों को बोल कर दूर करता हूं. आगे से इस तरह की दिक्कत होगी, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.डॉ एसएन सिन्हा, प्रिंसिपल पीएमसीएच

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