मानक से कम अंक पर नामांकन हुए मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत

मानक से कम अंक पर नामांकन हुए मेडिकल छात्रों को बड़ी राहतकोर्ट ने कहा, आगे से नहीं हो ऐसा काम, एमसीआइ का मानक सही पर छात्रों का भविष्य नहीं हो खराबविधि संवाददात, पटनापटना उच्च न्यायालय ने मानक से कम अंक पर एमबीबीएस की कक्षा में नामांकन कराये 97 छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है. न्यायाधीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 10:46 PM

मानक से कम अंक पर नामांकन हुए मेडिकल छात्रों को बड़ी राहतकोर्ट ने कहा, आगे से नहीं हो ऐसा काम, एमसीआइ का मानक सही पर छात्रों का भविष्य नहीं हो खराबविधि संवाददात, पटनापटना उच्च न्यायालय ने मानक से कम अंक पर एमबीबीएस की कक्षा में नामांकन कराये 97 छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है. न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह और नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने बुधवार को मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया एमसीआइ की आपत्ति को सही करार दिया. कोर्ट ने कहा कि एमसीआइ की मानक से कम अंक पर किसी हाल में मेडिकल कक्षा में नामांकन संभव नहीं है. लेकिन, चूंकि 97 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है इसलिए उनका भविष्य चौपट नहीं किया जा सकता. लिहाजा उन सभी छात्रों के नामांकन वैध होगी. कोर्ट के इस फैसले से अनुसूचित जाति और जन जाति के उन छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली हैँ जिनका नामांकन इन वर्गों के लिए न्यूनतम अंक चालीस से कम अंक आने पर भी एमबीबीएस की प्थ्म वर्ष की कक्षा में नामांकन ले लिया गया था. दरअसल, 2013-14 में प्रतियोिगता प्ररीक्षा के आधार पर नामांकन लिये गये जिसमें अारक्षित वर्ग की 97 सीटें खाली रह गयी. एमसीआइ ने सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम अंक पचास और आरक्षित वर्ग के लिए चालीस निर्धारित कर दिया है. इस पर राज्य सरकार ने चालीस से कम अंक वाले छात्र-छात्रओं का नामांकन ले लिया. पर सरकार के इस फैसले को एमसीआइ ने नहीं माना और उसने सभी नामांकन रद्द करने को कहा. एमसीआइ के इस आदेश के खिलाफ प्रभावित छात्रों ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट की एकल पीठ ने सरकार के फैसले को सही मान लिया. तब एकल पीठ के फैसले के खिलाफ एमसीआइ ने अपील याचिका दायर की. इसी याचिका पर दो जजों की खंडपीठ ने यह फैसला दिया.

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