मां, तेरी छाती की उष्मा का हकदार था, तुने कड़ाके की ठंड मेरे हस्सिे कर दी
मां, तेरी छाती की उष्मा का हकदार था, तुने कड़ाके की ठंड मेरे हिस्से कर दी फोटो भी है. पटना/पटना सिटीमां, तेरी कोख से मुझे जन्म मिला. अभी-अभी मैनें आंखें खोली हैं. तेरा स्पर्श मिला. तुने सीने से लगाया. मेरे माथे को चूमा. प्यार भरी थपकी भी दी. फिर यह क्या हो गया, मेरा धड़कता […]
मां, तेरी छाती की उष्मा का हकदार था, तुने कड़ाके की ठंड मेरे हिस्से कर दी फोटो भी है. पटना/पटना सिटीमां, तेरी कोख से मुझे जन्म मिला. अभी-अभी मैनें आंखें खोली हैं. तेरा स्पर्श मिला. तुने सीने से लगाया. मेरे माथे को चूमा. प्यार भरी थपकी भी दी. फिर यह क्या हो गया, मेरा धड़कता सीना तेरी छाती की उष्मा का मोहताज हो गया. तूने इस कड़ाके की ठंड में मुझे खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया. अपने सीने से दूर कर दिया. एक तू ही तो थी, जिससे मेरी पहली पहचान हुई. तूने भी मुझसे किनारा कर लिया. मैंने तो सुना था कि औलाद मां के कलेजे का टुकड़ा होता है. फिर तूने इस बात को झूठला क्यों दिया? मेरी जगह तेरी गोद में थी, लेकिन तूने एक बाजार से खरीदी हुई वस्तु की तरह मुझे झोले में भर कर खूंटी से टांग दिया. मां, मुझे यकीन नहीं हो रहा है, तेरी करतूत से ममता शर्मसार हुई है. तुझे बताना होगा मेरा गुनाह. यह कैसी सजा है, जो मेरे हिस्से आयी? पैदा होते ही तूने मेरे माथे पर लावारिस का ठप्पा लगा दिया. तूने मुझे मंदिर में छोड़ दिया. मेरे सवाल तुम्हे जिंदगी भर परेशान करेंगे. तू मुंह छुपा कर मेरी याद में रोओगी. मैं भी तड़पूंगा. मां, तेरी मजबूरियां होंगी, पर मेरे हिस्से दुश्वारियां-ही-दुश्वारियां हैं.ये सवाल उस मासूम के हैं, जो जिंदा तो है, पर उसका इस दुनिया में कोई नहीं है. वह बोल तो नहीं सकता, पर उसने शायद यही महसूस किया होगा. उसकी शिकायत उसको जन्म देनेवाली मां से है, जिसने उसे जन्म के बाद लावारिस छोड़ दिया. आलमगंज के तुलसी मंडी में मौजूद महावीर मंदिर के पीछे की दीवार पर कांटी से लटके प्लास्टिक के एक झोले से वह बरामद हुआ. हुआ यूं कि इस कंपकंपाती ठंड में एक मां ने अपने नवजात बच्चे को झोले में डाल कर छोड़ दिया. हालांकि, लोगों की नजर बच्चे के रोने से उस पर पड़ गयी. इसके बाद पुलिस की मदद से लोगों ने बच्चे को नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के नीकू में भरती कराया. रामनामा में लपेटा हुआ था बच्चाझोले के अंदर रामनामा में लपेटे बच्चे के रोने की आवाज सबसे पहले मंदिर की सफाई करने आये मनीष कुमार, कन्हाई महतो व कार्तिक ने सुनी़ इस दौरान पानी का छींटा पड़ने से नवजात रोने लगा. फिर इन लोगों ने झोले को नीचे उतारा. इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी. साथ ही स्थानीय लोगों को एकत्र किया. ठंड से ठिठुर रहे बच्चे की स्थिति को देख कर स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में पुलिस की मदद से उसे नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में लेकर आये, जहां विभागाध्यक्ष डॉ अलका सिंह व डॉ वीर प्रकाश जायसवाल ने बच्चे को नीकू में भरती किया. इसके बाद उसका शुरू किया गया. डॉक्टर ने बताया कि नवजात को ठंड लग गयी है. उसका इलाज किया जा रहा है. विभागाध्यक्ष के अनुसार बच्चे की स्थिति ठीक है. 21 नंवबर को एक अन्य नवजात को अस्पताल में छोड़ गयी थी मां21 नवंबर को भी नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के महिला व प्रसूति विभाग में नवजात बच्चे को जन्म देने के बाद मां अस्पताल के बेड पर ही छोड़ फरार हो गयी थी. अस्पताल में दर्ज पते में मां ने अपना नाम पूजा देवी, पिता का नाम रामेश्वर ठाकुर व पता कटरा बाजार, दीदारगंज लिखाया था.