नये-पुराने के चक्कर में फंसी नक्शे की रफ्तार

नये-पुराने के चक्कर में फंसी नक्शे की रफ्तार- नगर आयुक्त ने प्रधान सचिव को दोबारा पत्र भेज मांगा मार्गदर्शन संवाददाता, पटना नये और पुराने पटना के चक्कर में नक्शे की रफ्तार काफी धीमी पड़ गयी है. दरअसल इसको लेकर शहर के लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. नये और पुराने पटना के विवाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 9:47 PM

नये-पुराने के चक्कर में फंसी नक्शे की रफ्तार- नगर आयुक्त ने प्रधान सचिव को दोबारा पत्र भेज मांगा मार्गदर्शन संवाददाता, पटना नये और पुराने पटना के चक्कर में नक्शे की रफ्तार काफी धीमी पड़ गयी है. दरअसल इसको लेकर शहर के लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. नये और पुराने पटना के विवाद में नक्शा पारित कराने के लिए आवेदन नहीं के बराबर आ रहे हैं. जबकि, विभागीय निर्देश पर नक्शा पारित करने का काम पांच माह पहले ही शुरू कर दिया है. इसके बाद भी नक्शा स्वीकृति की रफ्तार काफी धीमी है. मालूम हो कि राजधानी में बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन कर बन रहे अवैध निर्माण पर नकेल कसने के लिए पिछले तीन वर्षों तक नक्शा स्वीकृति पर पाबंदी लगायी गयी थी. इस दौरान बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों ने नक्शा स्वीकृति को लेकर धरना-प्रदर्शन किया और निवेश नहीं होने से राजस्व की क्षति भी गिनायी. तब सरकार ने आनन-फानन में बिल्डिंग बाइलॉज को कैबिनेट से स्वीकृति दी. हालांकि मास्टर प्लान अब भी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. ऐसे में लोगों में पुराना व नया पटना को लेकर असमंजस है. सुझाव तक किसी ने नहीं भेजा इतना ही नहीं, नया व पुराना पटना को लेकर मांगे गये सुझाव पर कोई आगे नहीं आया, जबकि सुझाव मांगे हुए भी लगभग दो माह हो गये और उसकी डेडलाइन 16 नवंबर ही थी. इसे लेकर नगर आयुक्त ने प्रधान सचिव को फिर से पत्र भेजा है. गौरतलब है कि नगर आयुक्त ने विभागीय प्रधान सचिव से इस मामले पर मार्गदर्शन की मांग की थी. इस पर 17 सितंबर को प्रधान सचिव ने निर्देश दिया कि आमलोगों से सुझाव की मांग करें और इसके बाद निर्णय लिया जायेगा. निर्देश के आलोक में नगर आयुक्त ने 13 अक्तूबर को निगम की वेबसाइट पर पुराने व नये पटना के निर्धारण को लेकर लोगों से सुझाव मांगे थे. डेडलाइन खत्म होने के एक माह बाद भी आम जनता से कोई सुझाव नहीं आया है. ऐसे में नगर आयुक्त जय सिंह ने फिर से प्रधान सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें नक्शा पारित करने में होनेवाली परेशानी पर मार्गदर्शन की मांग की है.

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