अइसन दूल्हा न देखनी नगर में, चलऽ सखी दूल्हा के परिछे…भगवान श्रीराम को दूल्हे के रूप में देख कर जनकवासी हुए धन्यसीता की विदाई में आंखों से निकले आंसू भगवान राम समेत भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की हुई शादी राम विवाह में मांगलिक गीतों से भक्तिमय हुआ वातावरण संवाददाता, बक्सरचल सखी दूल्हा के परिछे, अइलन दुआर हो. राजा दशरथ के ललनवा……पालकी पर बैठी दूल्हा अइले अगनईया हो. पूछा सखी बहिनी के अलावा अइसन दूल्हा न अइलन नगर में….. आदि मांगलिक गीतों को गाकर भगवान श्रीराम की बरात का स्वागत जनकपुर में महिलाओं ने किया. मौका था 46वें सीताराम विवाह महोत्सव का. नगर के नया बाजार स्थित सिय-पिय मिलन महोत्सव में बुधवार की रात्रि को 10 बीघे में फैले आश्रम में संतों का हुजूम उमड़ पड़ा था. वहीं, जिला समेत अन्य प्रदेशों से आये श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने पंडाल में दोपहर से ही अपना स्थान ग्रहण कर लिया था. विवाह महोत्सव का दर्शन देश के कोने-कोने से पहुंचे संतों व भक्तों ने किया. दृश्य को देख कर ऐसा लग रहा था कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम का विवाह जनक की लाडली किशोरी जी से हो रहा है. इसके अलावा अन्य भाइयों का विवाह किशोरी जी की छोटी बहनों के साथ हुआ. विवाह की शुरुआत आश्रम के महंत राजाराम शरण दास जी महाराज व श्रद्धालुओं के मांगलिक गीतों से हुई. पूरा पंडाल सीताराम के जयकारों एवं वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंज रहा था. पंडाल के मध्य में मुख्य मंच के सामने जनकपुरी का घूमता-फिरता मंच बनाया गया था और दक्षिणी छोर पर बरातियों के लिए जनवासा बनाया गया था, जहां अयोध्या के राजा दशरथ, वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र समेत अन्य अयोध्यावासी ठहरे थे. विवाह में मामा जी के द्वारा निर्मित कृत्रिम घोड़े पर सवार होकर दूल्हे सरकार अपने चारों भाइयों के साथ जनकपुर पहुंचे थे. वहीं, हाथी पर राजा दशरथ सवार थे. विवाह में बैंड-बाजा और शहनाई की धुनों पर बराती में आये महिला-पुरुष भक्त रात भर खूब झूमे. वहीं, विवाह के रस्म व गीत मिथिला के पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार कराया गया. विवाह मंडप में पहुंचे दूल्हे सरकार से मिथिला की सखियाें ने हठखेलियां करते हुए उनकी मां और बहनों का नाम पूछा. भगवान श्रीराम ने मुस्कुराते हुए अपनी बहनों का नाम शांति व सरयू बताया. परंपरा के अनुसार, मिथिला की सखियाें ने दूल्हे सरकार समेत चारों भाइयों की लोढ़े से गाल की सेंकाई कर परिछन किया. वहीं, सखियों ने चारों भाइयों द्वारा अपनी-अपनी पत्नी सीता, उर्मिला, श्रुतकृति एवं मांडवी की पहचान करायी. भगवान राम की बरात में संतों ने झूम-झूम कर जयकारे के साथ खूब आनंद उठाया. विवाह महोत्सव में मौजूद हर श्रद्धालु भक्त विवाह का आनंद लेते हुए बेताब दिखा. गुरुवार को श्रीराम कलेवा के साथ नौ दिवसीय सीताराम विवाह महोत्सव संपन्न हुआ. देश के कोने-कोने से आये संतों ने विवाह के गीतों के साथ-साथ वैदिक मंत्रोच्चारण किया. इससे पूरा वातावरण भक्ति के सागर में डूब गया. पूरा पंडाल सीताराम विवाह देखने के लिए भक्तों व श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था. गुलाबी ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने रात भर सीताराम महोत्सव का आनंद उठाया और दूर-दराज के गांवों से पहुंचे श्रद्धालुओं व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया. सुबह अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान कर गये.
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अइसन दूल्हा न देखनी नगर में, चलऽ सखी दूल्हा के परिछे…
अइसन दूल्हा न देखनी नगर में, चलऽ सखी दूल्हा के परिछे…भगवान श्रीराम को दूल्हे के रूप में देख कर जनकवासी हुए धन्यसीता की विदाई में आंखों से निकले आंसू भगवान राम समेत भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की हुई शादी राम विवाह में मांगलिक गीतों से भक्तिमय हुआ वातावरण संवाददाता, बक्सरचल सखी दूल्हा के परिछे, अइलन […]
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