गोद लेने कई हाथ आगे आये

एनएमसीएच के नीकू में भरती नवजात का हो रहा उपचार पटना सिटी : मता का गला घोट चुकी मां ने भले ही नवजात लड़के को झोला में डाल कर छोड़ दिया था, लेकिन जाको राखे साईंयां, मार सके ना कोई की उक्ति को चरितार्थ करता नवजात का उपचार नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 5:37 AM
एनएमसीएच के नीकू में भरती नवजात का हो रहा उपचार
पटना सिटी : मता का गला घोट चुकी मां ने भले ही नवजात लड़के को झोला में डाल कर छोड़ दिया था, लेकिन जाको राखे साईंयां, मार सके ना कोई की उक्ति को चरितार्थ करता नवजात का उपचार नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में स्थित नीकू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में चल रहा है.
विभागाध्यक्ष डॉ अलका सिह व उपचार कर रहे डॉक्टर वीर प्रकाश जायसवाल ने बताया कि नवजात की स्थिति में काफी सुधार है. ठंड की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. नवजात के शरीर का तापमान मेंटेन करने का कार्य किया जा रहा है. अस्पताल अधीक्षक की ओर से दवा भी मुहैया करायी गयी है.
बच्चे का वजन भी कम है. अधीक्षक डॉ संतोष कुमार का कहना है कि 48 घंटे बाद ही बच्चे की स्थिति पर कुछ कहा जा सकता है.इधर, नवजात बच्चे को गोद लेने के लिए गुरुवार को लगभग चार दर्जन लोग अस्पताल पहुुंचे. इन लोगों ने अधीक्षक से मिल कर बच्चे को गोद देने का आग्रह किया. अस्पताल अधीक्षक डॉ संतोष कुमार ने बताया कि लावारिस मिले बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी को सौंपना है, वो चाहे, जिसे गोद दे सकती है. अधीक्षक के अनुसार अस्पताल में गुरुवार को प्रयास भारती संस्था से जुड़े लोग भी पहुुंचे थे.
उन लोगों ने भी नवजात लड़के को सौंपने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि नवजात जब तक वह ठीक नहीं हो जाता है, नहीं सौंपा जायेगा. गुरुवार की शाम जब चिकित्सकों ने नवजात की जांच -पड़ताल की, तो नवजात में प्लेटलेट की कमी पायी गयी. इसके बाद पीएमसीएच से एफएफपी की व्यवस्था कर बच्चे को प्लेटलेट चढ़ाने का कार्य आरंभ किया गया.
मालूम हो कि आलमगंज थाना क्षेत्र की तुलसी मंडी मुहल्ले मे स्थित महावीर मंदिर के पीछे दीवार पर बीते बुधवार को प्लास्टिक के झोला में नवजात लड़के को रामनामा में लपेटे टांग दिया गया था.
बच्चे के रोने की आवाज मंदिर गया में सफाई करने आये मनीष कुमार, कन्हाई महतो व कार्तिक ने सुनी. फिर इन लोगों ने झोले को नीचे उतारा. इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस की मदद से लोग बच्चे को नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में लेकर आये, जहां विभागाध्यक्ष डॉ अलका सिंह व डॉ वीर प्रकाश जायसवाल ने पहल कर बच्चे को नीकू में भरती किया था.

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