न स्लाइन है,न सूई कैसे होगा इलाज

मरीजों की डॉक्टरों से होती है तकरार पटना सिटी : वाओं की कमी झेलते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज कराने आये मरीजों की तकरार हर दिन डॉक्टरों से हो रही है. डॉक्टर भी व्यवस्था से दुखी हैं. डॉक्टरों की पीड़ा है कि रात्रि पाली में इमरजेंसी में आये मरीजों की इलाज में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 5:38 AM
मरीजों की डॉक्टरों से होती है तकरार
पटना सिटी : वाओं की कमी झेलते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज कराने आये मरीजों की तकरार हर दिन डॉक्टरों से हो रही है. डॉक्टर भी व्यवस्था से दुखी हैं. डॉक्टरों की पीड़ा है कि रात्रि पाली में इमरजेंसी में आये मरीजों की इलाज में दवाओं की कमी से परेशानी होती है.
अस्पताल में दवा नहीं रहने व रात में बाहर में मेडिकल दुकान बंद रहने की स्थिति में मरीजों के परिजनों को दवाओं के लिए दूर-दराज का चक्कर लगाना पड़ता है. इस वजह से अक्सर झड़प होती है. हर दिन हो रही झड़प से आजिज डॉक्टर भी रात्रि पाली मे ड्यूटी करने से कतरा रहे हैं.
एंटीरैबिज वैक्सीन भी महीनों से नहीं : अस्पताल में ठंड के प्रकोप को देखते हुए कोल्ड डायरिया के मरीज भी उपचार के लिए आ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में मरीज के लिए स्लाइन, इंट्राकैट और सूई तक नहीं है. कर्मियों की मानें, तो अस्पताल में आरएल व डीएनएस समेत अन्य जीवनरक्षक स्लाइन व सूई की आवश्यकता है, जो मरीजों को नहीं मिल पा रही है. अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजों बाहर से इसकी खरीदारी करनी पड़ रही है.
अस्पताल में इस समय आउटडोर व इंडोर के मरीजों
दवा लाइए, आॅपरेशन कराइए
अस्पताल में आॅपरेशन कराना है, तो दवा बाहर से खरीद कर लाना होगा, तभी आॅपरेशन हो पायेगा. दरअसल दवाओं की कमी झेलते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में सर्जरी के दो डॉक्टर हैं, जबकि निश्चतेना विभाग में एक डॉक्टर है. इनके सहारे सर्जरी व महिला व प्रसूति विभाग में आॅपरेशन होता है.
होगी दवा की खरीदारी : अस्पताल अधीक्षक डॉ मुकेश कुमार बताते हैं कि दवाओं की कमी के संबंध में विभाग को लिखा गया था. दवा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में रोगी कल्याण समिति के फंड से दवाओं की खरीदारी पर विचार चल रहा है. बताते चलें कि इसमें भी समिति को महज पंद्रह हजार रुपये तक की दवा की खरीदारी का अधिकार है.

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