पटना : नेशनल हेराल्ड को लेकर जारी विवाद के बीच यह बात सामने आयी है उक्त अखबार की पटना स्थित लीज पर लिए गए भूखंड का एक बड़ा हिस्सा अतिक्रमण का शिकार है, और वह आवंटनधारी के कब्जे में कभी नहीं आ सकी. राजधानी पटना स्थित नेशनल हेराल्ड के 22 कट्ठा भूखंड पर अतिक्रमण कर लिया गया है और वह आवंटनधारी के अधिकार में कभी नहीं आ सकी.
बिहार के राजस्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता डॉ. मदन मोहन झा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मेरा विभाग इस मामले को देख रहा है और इसमें आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि पटना स्थित नेशनल हेराल्ड के उक्त भूखंड को 2018 तक के लिए लीज पर दिया गया था. नेशनल हेराल्ड के उक्त भूखंड पर मौजूद एक शीलापट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा वर्ष 1987 में उसका शिलान्यास किया गया था। शीलापट पर पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का भी नाम दर्ज है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एच. के. वर्मा ने बताया कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा जो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ यंग इंडिया कंपनी के ट्रस्टी हैं ने बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह और अन्य के समक्ष उक्त भूखंड के अतिक्रमित कर लिए जाने का मामला उठाया था पर उस दिशा में कोई कामयाबी नहीं मिली. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हाल में हुई मुलाकात के दौरान वोरा ने उस बारे में उनसे बात की थी.
इत्तेफाकन पटना के अदालतगंज में मौजूद उक्त 22 खट्टे का भूखंड भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के करीब पड़ता है. वर्मा ने कहा कि उनके पार्टी के लोग चाहते हैं प्रशासन उक्त भूखंड से अतिक्रमण को हटाए. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड के मामले में केंद्र सरकार की मनमानी के विरुद्ध बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कल एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया है.