कानूनी प्रावधानों के तहत बिल्डरों को दी जायेगी मदद

पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार किये गये बिल्डिंग बाइलॉज के रिव्यू के लिए एक रिव्यू कमेटी का गठन किया जायेगा. इस कमेटी में बिल्डर एसोसिएशन के सदस्य को भी शामिल किया जायेगा. कमेटी के गठन की कार्रवाई बिल्डर एसोसिएशन की मांग पर करने की घोषणा की गयी. बाइलाज को लेकर बिल्डरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 6:51 AM
पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार किये गये बिल्डिंग बाइलॉज के रिव्यू के लिए एक रिव्यू कमेटी का गठन किया जायेगा. इस कमेटी में बिल्डर एसोसिएशन के सदस्य को भी शामिल किया जायेगा. कमेटी के गठन की कार्रवाई बिल्डर एसोसिएशन की मांग पर करने की घोषणा की गयी. बाइलाज को लेकर बिल्डरों ने अपनी समस्या बतायी. राज्य में रियल स्टेट को गति देने के लिए ‌विभाग ने कई समस्याओं के निदान के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है.
नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि कानूनी प्रावधानों के तहत जितना भी संभव होगा बिल्डरों को मदद किया जायेगा. नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बिल्डर एसोसिएशन की मांग पर प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम क्लियरेंस के लिए
मुख्य सचिव व विकास आयुक्त की अध्यक्षता में अंतर विभागीय बैठक बुलाकर इस का समाधान किया जायेगा. इससे बिल्डरों को नगर निकायों के साथ अग्नि शमन व वन एवं पर्यावरण विभाग से क्लियरेंस मिल सके.
सभी उद्योगों को मैप में नहीं दर्शाया गया : एसोसिएशन का मांग थी कि एसके पुरी में बने अपार्टमेंटों को मान्यता दे दी जाये. इसका नक्शा पास है. पीआरडीए से नक्शा भी पास किया गया है. बिल्डर व खरीददारों के लिए समस्या बन गयी है. साथ ही अगर गंगा किनारे बसे दुजरा से लेकर कुर्जी तक बांध से 200 मीटर अंदर भवन निर्माण की अनुमति दी जाये.
एसोसिएशन की मांग थी कि नक्शा में बिचलन की 20 फीसदी की जगह 35-40 प्रतिशत की अनुमति दी जाये. भवन निर्माण को रोड से न जोड़कर सेटबैक से जोड़ा जाये. बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन की मांग था कि नये मास्टर प्लान में सभी उद्योगों को मैप में नहीं दर्शाया गया है.
इसे प्रदर्शित किया जाये. एसके पुरी में बने अपार्टमेंट पर पटना नगर निगम के आयुक्त जय सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि गंगा बांध के 200 मीटर
तक निर्माण करने पर जल संसाधन विभाग व गंगा विकास विकास प्राधिकरण की आपत्ति है. सरकार प्रावधानों में
बदलाव करती है तो निगम उसका पालन करेगा. इस मामले पर प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि कमेटी दूसरे प्रदेश में गंगा किनारे बसे शहरों के प्रावधानों का अध्ययन कर इस अपनी राय देगी.

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