भारतीय दर्शन को आत्मसात करने की है जरूरत

भारतीय दर्शन को आत्मसात करने की है जरूरत लाइफ रिपोर्टर पटना गंगा देवी महिला कॉलेज में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें ‘दर्शन एक सिद्धांत है’ के बारे में बताया गया. सामान्यता दर्शन एक रोचक विषय है और यह हमारे जीवन के लिए अत्यधिक उपयोगी है. बिहार धार्मिक न्याय के अध्यक्ष आचार्य किशोर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 9:00 PM

भारतीय दर्शन को आत्मसात करने की है जरूरत लाइफ रिपोर्टर पटना गंगा देवी महिला कॉलेज में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें ‘दर्शन एक सिद्धांत है’ के बारे में बताया गया. सामान्यता दर्शन एक रोचक विषय है और यह हमारे जीवन के लिए अत्यधिक उपयोगी है. बिहार धार्मिक न्याय के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने यहां कहा कि भारतीय दर्शन काफी समृद्ध है. इसे जीवन में आत्मसात करना चाहिए. इस बात को काफी महत्व देते हुए कहा गया कि इसी से भारतीय सभ्यता-संस्कृति की रक्षा हाे सकती है. बिहार में दर्शन की काफी समृद्ध विरासत है. विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित करने की जरूरत है. सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक प्रो डॉ रामजी सिंह ने कहा कि दर्शन एक सार्वभौम विषय है. जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र एवं राष्ट्र की संकीर्णताओं से मुक्तकर विश्व नागरिक बनाता है. इस मौके पर विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार प्रकट किये.

Next Article

Exit mobile version