खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल हो मातृत्व सहायता योजना

खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल हो मातृत्व सहायता योजना- परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचारफोटो भी हैसंवाददाता, पटनाभोजन का अधिकार अभियान की ओर से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून विषय पर राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत अब तक पालन नहीं होनेवाले कार्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 10:57 PM

खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल हो मातृत्व सहायता योजना- परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचारफोटो भी हैसंवाददाता, पटनाभोजन का अधिकार अभियान की ओर से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून विषय पर राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत अब तक पालन नहीं होनेवाले कार्यों की समीक्षा की गयी. चार्म के निदेशक डॉ शकील ने कहा कि कानून के तहत जन वितरण प्रणाली, मिड डे मील व मातृत्व सहायता योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल किया गया है, लेकिन अब तक मातृत्व सहायता योजना को शामिल नहीं किया गया. सरकार द्वारा एसीसीसी डाटा में संशोधन के बाद भी इनमें मौजूद गड़बड़ी को ठीक नहीं किया गया है.खाद्य सुरक्षा के सरकारी आंकड़े गलतहाइकोर्ट के आयुक्त के राज्य सलाहकार रूपेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के आंकडों के अनुसार 86 फीसदी लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है, जबकि जमीनी स्थिति इससे भिन्न है. आज भी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील नहीं मिल रहा है. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने कहा कि कानून के तहत जन वितरण प्रणाली, मिड डे मिल व मातृत्व सहायता योजनाओं का सर्वे कराया जायेगा. वहीं, आॅक्सफेम के प्रेम आनंद ने बताया कि कंप्यूटराइजेशन और जीपीएस सिस्टम के बावजूद इसका संचालन सिस्टम में सुधार नहीं किया जा सका है. मौके पर दलित अधिकार मंच से कपिलेश्वर राम, सामजशास्त्री डॉ महेंद्र नारायण कर्ण समेत अन्य उपस्थित रहे.

Next Article

Exit mobile version