रसोइयों से लिया जा रहा साफ-सफाई तक का काम

पटना : मध्याह्न भोजन योजना में काम कर रहे रसोइया स्कूल प्रशासन से परेशान हैं. उन्हें स्कूल में खाना बनाने के लिए रखा गया है, पर उन पर खाना-बनाने से लेकर स्कूल की साफ-सफाई तक की जिम्मेवारी डाल दी गयी है. इसकी शिकायत भी कर रही हैं, पर उनकी शिकायतें कोई नहीं सुन रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 6:00 AM
पटना : मध्याह्न भोजन योजना में काम कर रहे रसोइया स्कूल प्रशासन से परेशान हैं. उन्हें स्कूल में खाना बनाने के लिए रखा गया है, पर उन पर खाना-बनाने से लेकर स्कूल की साफ-सफाई तक की जिम्मेवारी डाल दी गयी है. इसकी शिकायत भी कर रही हैं, पर उनकी शिकायतें कोई नहीं सुन रहा है.
पटना जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की संख्या 3,339 है. इनमें से मात्र 2,984 स्कूल में मध्याह्न भोजन बन रहा है. शेष 355 स्कूलों में जगह और पानी के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद है. इन स्कूलों में कार्यरत रसोइयाें की संख्या चार से पांच हजार है. मानदेय के रूप में इन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये दिये जाते हैं.
इसके लिए उन्हें खाना बनाने की जिम्मेवारी के अलावा खाना बनानेवाले बरतनों व रसोईघर की साफ -सफाई की जिम्मेवारी दी गयी है. इसके अलावा रसोइयांे से स्कूल की साफ-सफाई यहां तक की शौचालय तक साफ करने का काम लिया जा रहा है़ राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में कार्यरत रसोइया रिंकू और आरती ने बताया कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इसके अलावा खाना बनाने से लेकर स्कूल की साफ-सफाई तक करवायी जा रही है.

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