Bihar : पटना मेट्रो को CM नीतीश की हरी झंडी
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंड़ी दे दी है. उन्होंने नगर विकास विभाग को इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजने का निर्देश दिया. यहां मेट्रो रेल का निर्माण पहले चरण में दो रूटों पर किया जाना है.इनमें सगुना मोड़ से मीठापुर (इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) व […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंड़ी दे दी है. उन्होंने नगर विकास विभाग को इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजने का निर्देश दिया. यहां मेट्रो रेल का निर्माण पहले चरण में दो रूटों पर किया जाना है.इनमें सगुना मोड़ से मीठापुर (इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) व पटना जंक्शन से नया अंतरराज्यीय बस पड़ाव (नाॅर्थ-साउथ) कॉरिडोर शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने पटना के मास्टरप्लान को भी तीन माह में स्वीकृत कराने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने विभाग को नया पाटलिपुत्रा बसाने की कार्ययोजना बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति करने को कहा. यह नयी टाउनशिप सभवत: पटना के दक्षिण में स्थापित होगी.
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार और खान एवं भूतत्व विभागों के कामकाज की भी समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को शहरों में परिवहन की सुदृढ़ व्यवस्था और सड़कों के सौंदर्यीकरण के मद्देनजर एक शहरी पथ नीति तैयार करने का निर्देश दिया. बैठक में 11 नगर निगम क्षेत्रों के लिए सिटी मोबिलिटी प्लान बनाने का निर्णय लिया गया. साथ ही सभी शहरों में एक-एक बस स्टैंड, पार्क, ड्रेनेज के निर्माण करने का निर्देश भी दिया गया. बिहार राज्य आवास बोर्ड को निर्देश दिया गया कि वह अनावंटित 5118 संपत्तियों को तत्काल आवंटित करे. साथ ही अतिक्रमित संपत्तियों को मुक्त किया जाये. राज्य में कम आयवाले लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाने का भी निर्देश दिया गया.
कहा गया कि शहरी गरीबों के आवास के लिए बासभूमि के साथ व्यापक पैमाने पर मल्टीस्टोरी फ्लैट के निर्माण को तेज किया जाये. अगले पांच वर्षों में चार लाख परिवारों को घर बना कर देने का निर्णय लिया गया. शहरी विकास को गति देने के लिए लैंड पुलिंग योजना को लागू करने का निर्देश दिया गया. शहरी गरीबों को सेल्फ हेल्प ग्रुप के नेटवर्क से तीन वर्षों में जोड़ने का निर्णय लिया गया. एक साल के अंदर इ-म्युनिसप्लिटी लागू करने का निर्णय लिया गया.
शहरी निकायों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सैरातों का इ-आॅक्सन करने, सभी संपदाओं की पंजी तैयार करने और सेल्फ एसेसमेंट को बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया गया. राज्य में शहरों की सफाई दुरुस्त रखने के लिए मुख्यमंत्री आदर्श नगर निकाय योजना लागू करने का भी निर्णय लिया गया.
इसमें सबसे उत्कृष्ट काम करनेवाले एक नगर निगम को पांच करोड़, दो नगर पर्षदों को तीन-तीन करोड़ और दो नगर पंचायतों को एक-एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने पटना मेट्रोपोलिटन एरिया ऑथोरिटी को तत्काल कार्यरत करने का निर्देश दिया. यह ऑथोरिटी पटना नगर निगम के साथ फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल नगर पर्षदों सहित 12 नगर निकायों और संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के विकास कार्यक्रम का प्रबंधन करेगी. राज्य के 14 अन्य शहरों, जिसमें प्रमंडलीय मुख्यालय व सभी नगर निगम क्षेत्रों के साथ बोधगया व राजगीर शामिल हैं. इनके लिए अलग विकास प्राधिकार बनाने व आयोजन क्षेत्र घोषित किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र में कुल 20 लाख 13 हजार परिवार निवास करते हैं. इनमें से करीब चार लाख परिवारों में पहले से पाइप से जलापूर्ति हो रही है. करीब छह लाख परिवारों के लिए योजना मंजूर कर दी गयी है. शेष करीब 10 लाख परिवारों के लिए पांच वर्षों में योजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के करीब छह लाख परिवारों के पास अपना शौचालय नहीं है. अगले चार साल में इन शौचालयों का निर्माण कराया जायेगा. इस वर्ष नगर निकाय के एक लाख 35 हजार परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराने का अभियान चल रहा है.