एक्सचेंज प्रोग्राम से जुड़ेंगे एनआइटीज
एक्सचेंज प्रोग्राम से जुड़ेंगे एनआइटीजएमएचआरडी ने की पहल, सेमिनार, वर्कशॉप में भी ले सकेंगे हिस्सालाइफ रिपोर्टर पटनादेश के सभी एनआइटी संस्थानों के स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है. इस योजना के तहत एनआइटी के देश भर के सभी संस्थान आपस में जुड़ेंगे. इस पहल में फैकल्टी एक-दूसरे संस्थानों में पढ़ाई में […]
एक्सचेंज प्रोग्राम से जुड़ेंगे एनआइटीजएमएचआरडी ने की पहल, सेमिनार, वर्कशॉप में भी ले सकेंगे हिस्सालाइफ रिपोर्टर पटनादेश के सभी एनआइटी संस्थानों के स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है. इस योजना के तहत एनआइटी के देश भर के सभी संस्थान आपस में जुड़ेंगे. इस पहल में फैकल्टी एक-दूसरे संस्थानों में पढ़ाई में सहयोग करेंगे, वहीं एक संस्थान के छात्र कुछ खास पाठ्यक्रम विशेष या सेमिनार, वर्कशॉप के लिए दूसरे संस्थानों में जा सकेंगे. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस बारे में पहल की है. मंत्रालय को यह उम्मीद है कि एनआइटी संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, फैकल्टी की कमी दूर करने और बेहतर इनोवेशन की दिशा में इसका काफी फायदा मिलेगा.शिक्षकों की कमी हो सकती है दूरज्ञात हो कि देश भर के एनआइटी संस्थानों में फैकल्टी की बड़ी कमी है. इस बात को खुद एमएचआरडी ने स्वीकार किया है. एनआइटी पटना में भी करीब 20-25 फीसदी फैकल्टी कम हैं. ऐसे में इस नई योजना के तहत काम करने से काफी हद तक अध्यापकों की कमी दूर होगी. एनआइटी पटना के निदेशक प्रोफेसर अशोक डे कहते हैं, संस्थानों में योग्य अध्यापक नहीं मिल रहे हैं, इस कारण चाहकर भी भर्तियां नहीं हो पा रही हैं.हाॅल्डिंग हैंड की हो चुकी है शुरूआतएमएचआरडी की पहल पर एनआइटी और आइआइटी में होल्डिंग हैंड योजना की शुरुआत भी हो चुकी है. इसके तहत सीनियर छात्र जूनियर कमजोर छात्रों के लिए मेंटर की भूमिका निभाते हैं. होल्डिंग हैंड्स योजना के तहत इन मेंटर स्टूडेंट्स का चयन किया जाता है. इस कार्य का उद्देश्य यह है कि कमजोर छात्रों को बेहतर पढ़ाई करा कर उन्हें भी मजबूत स्थिति में लाया जाये.