महिला वोटिंग को लेकर भ्रामक प्रचार
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद यह भ्रामक प्रचार किया गया कि महिला मतदाताओं ने नीतीश कुमार के पक्ष में ज्यादा मतदान किया, जिसकी वजह से उनकी जीत हुई, जबकि हकीकत यह है कि मध्य बिहार के सभी जिलों में महिलाओं और पुरुषों का मतदान प्रतिशत लगभग बराबर […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद यह भ्रामक प्रचार किया गया कि महिला मतदाताओं ने नीतीश कुमार के पक्ष में ज्यादा मतदान किया, जिसकी वजह से उनकी जीत हुई, जबकि हकीकत यह है कि मध्य बिहार के सभी जिलों में महिलाओं और पुरुषों का मतदान प्रतिशत लगभग बराबर रहा.
उन्होंने कहा कि पटना में महिलाओं की तुलना में चार प्रतिशत, तो औरंगाबाद में करीब तीन प्रतिशत पुरुषों ने ज्यादा मतदान किया. वहीं मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में महिलाओं और पुरुषों का मतदान प्रतिशत करीब-करीब बराबर रहा. उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी और सुपौल में करीब 16 प्रतिशत महिलाओं ने ज्यादा वोट किया, इसकी वजह किसी व्यक्ति या दल विशेष के पक्ष में महिलाओं की जागरूकता नहीं, बल्कि बाढ़ व गरीबी आदि के कारण इन जिलों से रोजी-रोजगार के लिए बड़ी संख्या में पुरुषों का बिहार के बाहर देश के अन्य राज्यों में पलायन है. मध्य बिहार के कैमूर में पुरुष और महिलाओं के मतदान का प्रतिशत क्रमश : 59़.26 और 59़.74, जहानाबाद में 57.08 और 57़.18, जबकि औरंगाबाद में महिलाओं की तुलना में तीन प्रतिशत ज्यादा पुरुषों ने मतदान किया.
पटना में महिलाओं के 50.27 प्रतिशत की तुलना में करीब चार फीसदी ज्यादा यानी 54.32 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया. उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी और सुपौल में पुरुषों की तुलना में करीब 16 प्रतिशत महिलाओं ने ज्यादा वोट किया. दरभंगा में 47़ 80 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 65.04 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया.
इसी प्रकार मधुबनी में 46. 71 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 62. 84, तो सुपौल में 48. 76 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 66.57 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया. वहीं, मध्य बिहार के जिलों अरवल, गया, नवादा, भोजपुर और बक्सर आदि की स्थिति इसके उलट रही.
बाढ़, गरीबी और स्थानीय स्तर पर रोजगार की कमी से बिहार के युवाओं व कार्यशील वयस्क पुरुषों का रोजगार की तलाश में देश के अन्य राज्यों में पलायन एक सच्चाई है. विगत चुनाव में जिन जिलों में पुरुषों की पलायन दर ज्यादा है ,वहां महिलाओं का वोट प्रतिशत ज्यादा रहा. इसे किसी के पक्ष में अचानक आयी जागरूकता से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है.