तेल-घी के अधिक सेवन से होता है हृदय रोग

तेल-घी के अधिक सेवन से होता है हृदय रोगआध्यात्मिक सत्संग समिति में हृदय रोग शिविर का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटना अगर लोग अपने खान-पान पर सही से ध्यान दें, तो उनकी सेहत भी अच्छी रह सकती है. यहां हर साल करीब 50 से 60 लाख लोगों की मृत्यु तेल और घी का ज्यादा सेवन करने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2015 7:32 PM

तेल-घी के अधिक सेवन से होता है हृदय रोगआध्यात्मिक सत्संग समिति में हृदय रोग शिविर का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटना अगर लोग अपने खान-पान पर सही से ध्यान दें, तो उनकी सेहत भी अच्छी रह सकती है. यहां हर साल करीब 50 से 60 लाख लोगों की मृत्यु तेल और घी का ज्यादा सेवन करने से होती है. तेल और घी ही ऐसी चीज है, जिसके अधिक सेवन से हृदय रोग बढ़ते जाता है. भारत में हार्ट मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है और लगभग 12 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं. इसे डॉक्टर भी कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और ऑपरेशन करने की सलाह देते हैं. हृदय रोग से संबंधित ऐसी कई तरह की बातें सुनने को मिली होटल चाणक्य में. यहां अाध्यात्मिक सत्संग समिति द्वारा दो दिवसीय हृदय रोग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ, एम्स के पूर्व सलाहकार और साओल हार्ट सेंटर नयी दिल्ली के निदेशक डॉ विमल छाजेड़ मौजूद थे. उन्होंने लोगों को हृदय रोग से बचने के लिए कई तरह की सलाह दी. खिलाया बिना तेल-घी का खानाइस शिविर में पूरे बिहार से कई लोग आये थे. यहां ज्यादातर लोगों ने डॉक्टर से अपनी परेशानी बता कर उसका समाधान पूछा. डॉ विमल कहते हैं कि यहां के लोग तेल-मसाला ज्यादा खाते हैं. इसलिए रोगियों की संख्या ज्यादा है. कोई भी बीमारी खराब भोजन करने से होती है. भोजन में ज्यादा तेल और घी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं, उन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों को बिना तेल और घी का बना भोजन खिलाया. उन्होंने बताया कि बिना तेल और घी के भी स्वादिष्ट भोजन बन सकता है. स्वाद में कोई बदलाव नहीं मिलेगा. बस, इसके लिए जरूरी है बिना तेल और घी का सही खाना बना सकें. इसके लिए शिविर के दूसरे दिन यानी रविवार को लोगों को लाइव कुकिंग क्लास करायी जायेगी. शिविर में आये लोग डॉक्टर की पूरी बातों को ध्यान से सुनते नजर आये.

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