अब प्रदेश अध्यक्ष लिए भाजपा में बिछ रही बिसात

अब प्रदेश अध्यक्ष लिए भाजपा में बिछ रही बिसातनए साल में भाजपा में उथल-पुथल की संभावना संवाददातापटना. ऊपर से शांत दिख रही भाजपा में अंदर ही अंदर जबरदस्त खींचतान चल रहा है. आने वाले महीनों में राज्य में भाजपा की राजनीति में जबरदस्त उथल- पुथल की संभावना जताई जा रही है. अभी पार्टी में इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 9:41 PM

अब प्रदेश अध्यक्ष लिए भाजपा में बिछ रही बिसातनए साल में भाजपा में उथल-पुथल की संभावना संवाददातापटना. ऊपर से शांत दिख रही भाजपा में अंदर ही अंदर जबरदस्त खींचतान चल रहा है. आने वाले महीनों में राज्य में भाजपा की राजनीति में जबरदस्त उथल- पुथल की संभावना जताई जा रही है. अभी पार्टी में इस बात की जबरदस्त चर्चा चल रही है कि नेता विरोधी दल की तरह अध्यक्ष पद पर भी वदलाव होगा या मौजूदा अध्यक्ष मंगल पांडेय को दूसरा कार्यकाल मिलेगा. पार्टी का एक खेमा मंगल पांडेय को दूसरा कार्यकाल देने का हिमायती है. इस बहाने वह अपने विरोधियों को जबाव देना चाहता है कि वह कमजोर नहीं है. दूसरा खेमा अपने पसंद के अध्यक्ष काे देखना चाहता है. विधान सभा चुनाव में पार्टी को मिली असफलता से कुछ नेताओं के मौजूदा नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे. विधायक दल का नेता बदले जाने से यह खेमा अधिक उत्साहित हो गया. अब निशाना प्रदेश अध्यक्ष पद पर है. अगले साल मार्च तक मौजूदा अध्यक्ष का कार्यकाल है. श्री पांडेय को दूसरा कार्यकाल देने में कोई वैधानिक अड़चन नही है. इतना तय है कि अध्यक्ष अगड़ी जाति का ही होगा. नए अध्यक्ष के लिए श्री पांडेय को अलावा गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे , सुधीर शर्मा, विनोद नारायण झा और जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के नाम की चर्चा है. पार्टी का एक गुट दिनारा से विधानसभा चुनाव में हारे राजेंद्र सिंह के लिए दिल्ली में लाबिंग कर रहा है. कांग्रेस के 27 विधायक जीत जाने से चिंतित भाजपा को ब्राह्मण वोटरों को जोड़े रखने की चिंता सता रही है. ब्राह्मण को छोड़ बिहार की सभी अगड़ी जाति को केंद्र सरकार में स्थान मिला है. एेसे में अध्यक्ष पद ब्राह्मण कोटे में बरकरार रहने की संभावना है. प्रदेश सदस्यता व चुनाव प्रभारी पद पर संजीव चौरसिया की नियुक्ति से मंगल पांडेय के अध्यक्ष पद पर बने रहने की संभावना बढ़ गयी है. खरमास के बाद संगठन और सरकार दोनों में बदलाव की चर्चा है और इस बदलाव से बिहार भी अछुता नहीं रहेगा.

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