हम एक ही आजम की औलाद है, तो फिर भेदभाव क्यों : डॉ हई
हम एक ही आजम की औलाद है, तो फिर भेदभाव क्यों : डॉ हई नोटो : फोटोपटना. इस साल भी रबीउल अव्वल के मौके पर जलस-ए-सीरतुन्नबी का आयोजन मसजिद अब्दुल हई कॉम्प्लेक्स में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ हई ने कहा कि समाज में लोगों के लिए सबसे बड़ा पैगाम यह है […]
हम एक ही आजम की औलाद है, तो फिर भेदभाव क्यों : डॉ हई नोटो : फोटोपटना. इस साल भी रबीउल अव्वल के मौके पर जलस-ए-सीरतुन्नबी का आयोजन मसजिद अब्दुल हई कॉम्प्लेक्स में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ हई ने कहा कि समाज में लोगों के लिए सबसे बड़ा पैगाम यह है कि हर आदमी आजम की औलाद है. इस कारण से हम सब बराबर है और हमें एक-दूसरे से भेदभाव नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण से लोगों में भिन्नता है, तो उसे इस्लामिक तरीके से दुरूस्त किया जा सकता है. इसको लेकर लड़ाई या मार काट करने की कोई जरूरत नहीं है. खुदा हमेशा अपने बंदों के साथ है और हमें खुदा के मार्ग पर चल कर आगे बढ़ते रहना चाहिए. उर्दू एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि बदलती दुनिया में सभी को मिल कर रहना चाहिए. कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बातें रखी.