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निगरानी ट्रैप के मामलों की होगी स्पीडी ट्रायल

निगरानी ट्रैप के मामलों की होगी स्पीडी ट्रायल- आर्म एक्ट के मामलों की तरह ही ट्रैप मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए दिया यह आदेश- जिन मामलों में सरकारी गवाह हाजिर नहीं होते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेसंवाददाता, पटनामुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सविचालय स्थित संवाद कक्ष में निगरानी विभाग की समीक्षा बैठक […]

निगरानी ट्रैप के मामलों की होगी स्पीडी ट्रायल- आर्म एक्ट के मामलों की तरह ही ट्रैप मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए दिया यह आदेश- जिन मामलों में सरकारी गवाह हाजिर नहीं होते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेसंवाददाता, पटनामुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सविचालय स्थित संवाद कक्ष में निगरानी विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सभी स्तर के भ्रष्ट लोक सेवकों और किसी स्तर के कर्मचारी के खिलाफ हुए निगरानी ट्रैप के मामलों की सुनवाई आर्म्स एक्ट के मामलों की तरह ही स्पीडी ट्रायल के आधार पर करवायी जाये. डीए (प्रत्यानुपातिक धनार्जन) के जो मामले दर्ज हैं, उनमें भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई तेज की जाये. पहले से लोक मामले दर्ज हैं, उनके अनुसंधान में तेजी लायें और ऐसे मामलों का निष्पादन जल्द करवाये. न्यायालय में ऐसे मामलों की पेशी जल्द करवाने के लिए पहल करें. सीएम ने कहा कि जिन मामलों में सरकारी गवाह हाजिर नहीं होते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. आर्थिक अपराध के मामलों में अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाये. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के दायर वार्षिक संपत्ति विवरणी की सतत निगरानी की जाये और आने वाले समय में संपत्ति की विवरणी को ऑनलाइन दायर करने की व्यवस्था की जाये. इस दौरान यह बात सामने आयी कि निगरानी अंवेषण ब्यूरो में निगरानी संवर्ग का प्रावधान किया जा चुका है. इसमें जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक स्वच्छ छवि के अनुभवी पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जायेगा. निगरानी के जितने भी मामले विचाराधीन हैं, उनकी समीक्षा करके उनका जल्द ही निष्पादन किया जाये. किसी मामले को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रखा जाये. निगरानी के प्रधान सचिव स्तर पर लंबित मामलों में मुख्य सचिव और डीजीपी निगरानी स्तर के मामलों पर डीजीपी स्तर से निर्णय लेकर इनका निष्पादन किया जाये. इस दौरान निगरानी प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने बताया कि विशेष निगरानी इकाई में सीबीआइ से सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक स्तर के पदाधिकारियों को उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर जल्द ही बहाल किया जायेगा. बैठक में मुख्य सचिव अंजनी सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, निगरानी डीजीपी रविन्द्र कुमार, सीएम के सचिव चंचल कुमार, अतीश चंद्रा, ओएसडी गोपाल सिंह समेत अन्य मौजूद थे.

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