ग्रामीण जलापूर्ति पर खर्च होंगे 35 हजार करोड़

पटना : ग्रामीण इलाके में जलापूर्ति व्यवस्था पर पांच साल में लगभग 35 हजार करोड़ खर्च होंगे. घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने का काम तीन स्तरीय होगा. सरकार के सात निश्चय में घर-घर पेयजल पहुंचाना प्राथमिकता सूची में है. गांव में हर घर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग के अंतर्गत चलनेवाली विभिन्न योजनाओं पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2015 6:29 AM
पटना : ग्रामीण इलाके में जलापूर्ति व्यवस्था पर पांच साल में लगभग 35 हजार करोड़ खर्च होंगे. घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने का काम तीन स्तरीय होगा. सरकार के सात निश्चय में घर-घर पेयजल पहुंचाना प्राथमिकता सूची में है.
गांव में हर घर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग के अंतर्गत चलनेवाली विभिन्न योजनाओं पर काम के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न मॉडलों का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
जिन इलाके में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है वहां शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए तीन स्तरीय योजना बना कर काम होगा. इसके लिए वृहद जलापूर्ति योजना, मिनी जलापूर्ति योजना व ड्वेल ट्यूब योजना के तहत पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था होगी.
विभाग सालाना सात से आठ हजार करोड़ खर्च करेगा. पांच साल में लगभग 35 हजार करोड़ खर्च होंगे. योजना के तहत पहले उन गांव को चिह्नित किया जायेगा जहां पेयजल का संकट है.
खासकर उन इलाके पर विभाग पहले ध्यान देगी जहां पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड व आयरन की मात्रा अधिक है. इन योजनाओं पर 15 जनवरी तक प्रस्ताव तैयार होगा. वृहद जलापूर्ति योजना के तहत विभाग अब वाटर टावर कंसेप्ट को खत्म करने पर विचार कर रहा है. इसकी जगह बोरिंग द्वारा सीधे पाइप से घरों में पानी पहुंचाया जायेगा.
महादलित टोले पर रहेगा फोकस : महादलित टोले में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए विभाग का विशेष ध्यान रहेगा.मिनी जलापूर्ति योजना के तहत इन टोले में पाइप से घरों में पानी पहुंचाने की व्यवस्था होगी. ड्वेल ट्यूब योजना से ऐसी व्यवस्था होगी, जिसमें दिन में सोलर ऊर्जा से वाटर पंप चलेगा. रात में वह चापाकल का भी काम करेगा. विभाग इन तीन तरह की योजना पर मंथन कर रहा है.
घर-घर पेयजल आपूर्ति करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. पांच साल में इस लक्ष्य को हासिल करना है. तीन स्तरीय याेजना बना कर घरों में शुद्ध पानी पहुंचाया जायेगा.
सरकार की भी यही मंशा है. गरीब व महादलित टोले में विशेष फोकस कर योजना के तहत काम होगा. चापाकल की जगह पाइप से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर जोर दिया जायेगा. योजना को लेकर प्रस्ताव तैयार हो रहा है. इसके बाद युद्ध स्तर पर काम होगा.
कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पीएचइडी मंत्री

Next Article

Exit mobile version