देखेंगे, सोचेंगे, फिर करेंगे पढ़ाई
बड़े बच्चों को विजुअल वर्कबुक, तो छोटे बच्चों को बोल-बोलकरपढ़ाया जायेगा पटना : सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई हो सके और विषयों में बच्चों की समझ विकसित की जा सके, इसके लिए पढ़ाई के ट्रेंड में बदलाव किया जा रहा है. अब स्कूलों में देखेंगे, सोचेंगे के तर्ज पर पढ़ाई करायी जायेगी, ताकि वे विषयोें […]
बड़े बच्चों को विजुअल वर्कबुक, तो छोटे बच्चों को बोल-बोलकरपढ़ाया जायेगा
पटना : सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई हो सके और विषयों में बच्चों की समझ विकसित की जा सके, इसके लिए पढ़ाई के ट्रेंड में बदलाव किया जा रहा है.
अब स्कूलों में देखेंगे, सोचेंगे के तर्ज पर पढ़ाई करायी जायेगी, ताकि वे विषयोें को आसानी से समझ सकें. सर्व शिक्षा अभियान की ओर से पहली-दूसरी और छठी से सातवीं के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ा जा रहा है. इसमें छठी से सातवीं तक के बच्चों को गणित अाैर विज्ञानविषय में विजुअल वर्कबुक के आधार पर पढ़ाया जायेगा, वहीं, पहली और दूसरी के बच्चों को बोल-बोल कर पढ़ाया जायेगा.
शिक्षकों को िमलेगी ट्रेनिंग
स्वयंसेवी संस्था प्रथम द्वारा शिक्षकों को इसके लिए ट्रेंड किया जाना है. प्रत्येक स्कूल से चार-चार शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जानी है, ताकि शिक्षक बच्चों को नये तरीके से पढ़ा सकें. जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार छठी से सातवीं कक्षा तक के बच्चे विज्ञान व गणित पढ़ना नहीं पसंद करते हैं.
यदि पढ़ते भी हैं, तो वे उनकी समझ में नहीं आता. इसके लिए पटना शहरी क्षेत्र के लगभग 60 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा बच्चों को वर्कबुक दिया जायेगा, जिसके जरिये बच्चों को यदि पदार्थ के बारे में बताना है, तो बच्चों को दिखाया जायेगा. फिर इसके बारे में सोचेंगे और उसकी गतिविधियों के जारिये उसे जानेंगे. वहीं, पटना सदर के 72 विद्यालयों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में पहली से दूसरी कक्षा के बच्चों को बोल-बोल कर पढ़ाया जायेगा, ताकि वे अंक व अक्षर की पहचान कर पायें.