पटना : बिहार के दरभंगा जिला में गत 26 दिसंबर को दो अभियंताओं की हत्या मामले के राजनीतिक रंग लेने के बीच मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज जदयू नेता संजय झा पर इस मामले में आरोपी प्रतिबंधित संगठन बिहार पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सरगना तथा जेल में बंद संतोष झा को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. संजय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वस्त माना जाता है.
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए संजय पर संतोष को संरक्षण देने का आरोप लगाया, और कहा कि दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से पिछली बार चुनाव लड़ने वाले संजय की संतोष ने मदद की थी. जदयू के पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य संजय ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दरभंगा संसदीय क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाया था पर वे भाजपा सांसद कीर्ति झा आजाद के हाथों पराजित हुए थे.
पप्पू ने राज्य सरकार पर गया जेल में बंद संतोष के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए सच सामने लाने के लिए मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. संतोष और संजय के संबंधों के प्रमाण के रुप में पप्पू यादव ने संतोष की बहन मुन्नी देवी के साथ संजय की एक तस्वीर आज सार्वजनिक की. पप्पू यादव के आरोपों को निराधार बताते हुए संजय झा ने संतोष झा और उनके परिवार के किसी भी सदस्य से कोई संबंध होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि संतोष की बहन मुन्नी देवी और उनके बहनोई संजय लालदेव जिनके साथ उनकी जो तस्वीर दिखायी जा रही है, वह देवहर जाति को अति पिछडा वर्ग में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आए शिष्टमंडल के मुलाकात के दौरान की है. मुन्नी देवी और लालदेव उसका हिस्सा थे.
संजय ने कहा कि हमने उनकी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी थी और उन्होंने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद 2009 में उक्त जाति को अति पिछडा वर्ग में स्थान दे दिया था. संजय ने संतोष और उनकी बहन मुन्नी देवी के साथ किसी प्रकार की निकटता से इनकार करते हुए कहा कि मैं सीबीआई सहित किसी तरह की जांच के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मुन्नी देवी और उनके पति संजय लालदेव ने गत दो अप्रैल को दरभंगा के पोलो ग्राउंड में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री तथा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के साथ भी एक रैली के दौरान मंच साझा किया था. संजय ने पप्पू पर निशाना साधते हुए कहा कि उक्त हत्या मामले को लेकर तुच्छ राजनीति नहीं की जानी चाहिए और ऐसी बातें उस व्यक्ति द्वारा उठायी जा रही हैं जो कि स्वयं आतंक के पर्याय रहे हैं.
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