अब भी संतोष झा गैंग के मुख्य सरगना पकड़ से बाहर

अब भी संतोष झा गैंग के मुख्य सरगना पकड़ से बाहर- नेपाल में कार्रवाई करने में बिहार पुलिस को आ रही काफी दिक्कत- नेपाल की सरकार नहीं कर रही खुलकर राज्य पुलिस का सहयोग- गैंग के अन्य प्रमुख सरगना अब भी पुलिस की पकड़ से बाहरसंवाददाता, पटनापिछले दो दिनों में संतोष झा गैंग के शूटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 9:52 PM

अब भी संतोष झा गैंग के मुख्य सरगना पकड़ से बाहर- नेपाल में कार्रवाई करने में बिहार पुलिस को आ रही काफी दिक्कत- नेपाल की सरकार नहीं कर रही खुलकर राज्य पुलिस का सहयोग- गैंग के अन्य प्रमुख सरगना अब भी पुलिस की पकड़ से बाहरसंवाददाता, पटनापिछले दो दिनों में संतोष झा गैंग के शूटर और अन्य कई गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. इनकी गिरफ्तारी से कई अहम सुराग भी पुलिस को हाथ लगे हैं, लेकिन अभी भी इस गैंग के प्रमुख सरगना पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. इंजीनियर हत्याकांड के मास्टरमाइंड और निजी निर्माण कंपनी से मोटी फिरौती मांगने वाले ये आरोपी पकड़ से बाहर हैं. हालांकि बुधवार को आजाद हिंद फौज के प्रभारी मनोज सिंह और गुरुवार को बेतिया दियारा से पकड़ा गया होमगार्ड का जवान सुबोध दुबे पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. इनसे कई अहम सुराग भी पुलिस को मिले हैं. पूछताछ में किसी बड़े सरगना तक पहुंचने के तार भी मिले हैं, लेकिन जब तक बचे हुए चार बड़े सरगना पकड़ में नहीं आते, तब तक इस गैंग को पूरी तरह से तोड़ना पुलिस के बेहद मुश्किल है. संतोष के बाद चार अन्य प्रमुख सरगनाइस गैंग में संतोष झा के बाद चार प्रमुख सरगनाओं में मुकेश पाठक, बब्लू दुबे, विकास झा और चिरंजीवि भगत शामिल हैं. हाल की तफ्तीश में यह साफ हो गया है कि मुकेश पाठक ने ही निजी निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर और चीफ इंजीनियर को फोन करके 75 करोड़ की फिरौती मांगी थी. इसके लिए जिन दो मोबाइल नंबरों से कई बार फोन किये गये थे, वे नेपाल के हैं. यानी मुकेश पाठक नेपाल में ही बैठकर पूरा ऑपरेशन ऑपरेट कर रहा था. जांच में यह बात भी सामने आयी है कि वारदात के पहले वह दरभंगा आया था और वारदात के कुछ समय बाद वह फिर नेपाल भाग गया है. वर्तमान में वह नेपाल में ही छिपा हुआ है. मुकेश के अलावा कुछ अन्य सरगनाओं के भी नेपाल में ही छिपे होने की सूचना मिल रही है. जब तक मुकेश या इसके समकक्ष अन्य कोई सरगना गिरफ्तार नहीं होता है, तब तक गैंग की पूरी परत नहीं खुल पायेगी. नेपाल सरकार नहीं कर रही खुलकर सहयोगइस मामले को लेकर बुधवार और गुरुवार दोनों दिन नेपाल के कुछ जिलों में कई स्थानों पर बिहार पुलिस और नेपाल पुलिस की टीम ने छापेमारी की है. परंतु नेपाल सरकार की तरफ से जितना सहयोग मिलना चाहिए, उतना सहयोग राज्य पुलिस को नहीं मिल पा रहा है. राज्य पुलिस का हाथ इस मामले में तंग होने के कारण मुकेश और अन्य प्रमुख सरगनाओं की गिरफ्तारी में काफी दिक्कत आ रही है. बिहार पुलिस को नेपाल में कार्रवाई करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है. कई स्थानों पर सघन छापेमारी नहीं हो पा रही है. जब तक यह समस्या बनी रहेगी, तब तक नेपाल में घुसकर मुकेश समेत अन्य को पकड़ना बेहद मुश्किल है.

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