बिहार में मार्च में पंचायत चुनाव, तैयारी जोरों पर
पटना : राज्य निर्वायन आयुक्त अशोक कुमार चौहान ने बताया कि त्रिस्तरीय आम पंचायत चुनाव 2016 को 10 चरणों में कराया जायेगा. इसके लिए चुनाव के तिथियों के संबंध में अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी होने की संभावना है. उन्होने बताया कि पंचायत चुनाव का प्रस्ताव आयोग एक सप्ताह के अंदर सरकार के पास सहमति […]
पटना : राज्य निर्वायन आयुक्त अशोक कुमार चौहान ने बताया कि त्रिस्तरीय आम पंचायत चुनाव 2016 को 10 चरणों में कराया जायेगा. इसके लिए चुनाव के तिथियों के संबंध में अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी होने की संभावना है. उन्होने बताया कि पंचायत चुनाव का प्रस्ताव आयोग एक सप्ताह के अंदर सरकार के पास सहमति के लिए भेज देगा. यह माना जा रहा है कि एक चरण में औसतन 53 प्रखंड के अंदर आनेवाले पंचायतों का चुनाव संपन्न होगा. मतदान में विद्यालयों की परीक्षाओं और होली के साथ अन्य त्योहारों को ध्यान रखते हुए मतदान की तिथियों का निर्धारण किया जायेगा.
6 पदों के लिए चुनाव
पंचायत चुनाव में छह पदों के लिए एक साथ चुनाव कराया जायेगा जिसमें मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य का पद शामिल है. निर्वाचन आयुक्त श्री चौहान ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि पंचायत चुनाव 2016 में पिछले चुनाव से बदलाव किया गया है. इस चुनाव अब बिना शौचालय वाले कोई भी व्यक्त छह पदों के लिए उम्मीदवार नहीं होंगे. उम्मीदवार होने के लिए नामांकन पत्र के साथ एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें यह बताना होगा कि पहली जनवरी 2016 तक उन्होंने अपना शौचालय का निर्माण करा लिया है. पंचायत आम चुनाव में छहों पदों के उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा में भी वृद्धि की जायेगी. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह खर्च सीमा क्या होगी. पंचायत आम चुनाव व्यापक पैमाने पर कराया जा रहा है.
दलीय आधार पर चुनाव नहीं
पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा और नहीं इसमें प्रत्याशियों के लिए दो संतान की बाध्यता होगी. इसमें ग्राम पंचायत के मुखिया के 8397 पद, सरपंच के 8397 पद, ग्राम पंचायत सदस्य के 114650 पद, ग्राम कचहरी के पंच के 114650 पद, पंचायत समिति के 11516 पद, और जिला परिषद सदस्यों के 1162 पदों जो कुल मिलाकर दो लाख 58 हजार 772 पदों के लिए चुनाव कराया जा रहा है. इसमें 12-13 लाख के करीब प्रत्याशी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि इस चुनाव में पदों के आरक्षण का चक्र बदल जायेगा और करीब 90 फीसदी पदों में आरक्षण की स्थिति में बदलाव होगा. मंगलवार से पदों के आरक्षण को लेकर कार्य दिवस में दो जिलों के पदों के आरक्षण को आयोग के स्तर पर जांच कर अनुमोदन किया जायेगा.
जनवरी में मिलेगी स्वीकृति
जनवरी में सभी जिलों के आरक्षण को स्वीकृति दे दी जायेगी जिसे अनुमोदन के बाद जिलाधिकारियों द्वारा प्रकाशित किया जायेगा. मतदान के लिए अभी तक एक लाख 17 हजार बूथ हैं जिसमें मतददाता सूची के विखंडन के बाद अतिरिक्त बूथों का गठन किया जायेगा. सभी जिलों के जिलाधिकारियों व आरक्षी अधीक्षकों के साथ मुख्य सचिव, डीजी, डीआइजी ने समीक्षा बैठक में बताया कि मतदान कराने में कोई परेशानी नहीं है. हाल ही विधानसभा चुनाव कराये गये है जिससे कोई परेशानी नहीं आयेगी. एक चरण के मतदान को कराने के लिए 16 हजार 800 होमगार्ड उपलब्ध हैं. मतदान में हर बूथ पर सशस्त्र बल की तैनाती की जायेगी.
आचार संहिता पर होगी नजर
उन्होंने बताया कि सोमवार को पदाधिकारियों के साथ कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई करना, विधि-व्यवस्था व सशस्त्र बल की आवश्यकता, उसे दी जाने वाली राशि , आदर्श आचार संहिता, नामांकन, नर्वाचन कोषांग व नियंत्रण कक्ष की स्थापना, मतदाता सूची की तैयारी, मतपेटी, मतदान सामग्री, निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी की नियुक्ति, बज्र गृह व बूथों की स्थापना, शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश की घोषणा, प्रक्षकों की नियुक्ति और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों के रिक्त पदों को भरना शामिल है. इस मौके पर निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन, जनसंपर्क पदाधिकारी शालिग्राम साह सहित आयोग के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.