बिहार में सिर्फ नाम का एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड

पटना : पंजाब के पठानकोट एयरबेस हमले के बाद देश के कई शहरों में आतंकी हमले का खतरा काफी बढ़ गया है. बिहार के कई शहरों में भी अलर्ट है. ऐसे में आतंकियों से निपटने के लिए राज्य के पुलिस फोर्स के अलावा पूरी तरह से प्रशिक्षित किसी सशक्त फोर्स की काफी जरूरत है. सूबे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2016 6:35 AM

पटना : पंजाब के पठानकोट एयरबेस हमले के बाद देश के कई शहरों में आतंकी हमले का खतरा काफी बढ़ गया है. बिहार के कई शहरों में भी अलर्ट है. ऐसे में आतंकियों से निपटने के लिए राज्य के पुलिस फोर्स के अलावा पूरी तरह से प्रशिक्षित किसी सशक्त फोर्स की काफी जरूरत है. सूबे में किसी तरह के आतंकी हमलों से निपटने के लिए 2013 में ही एटीएस (एंटी टेरॅरिस्ट स्क्वाॅयड) का गठन करने की घोषणा की गयी थी. परंतु तीन साल बाद भी अभी तक इस पर कोई ठोस अमल नहीं हुआ है.

राज्य एटीएस में अतिरिक्त प्रभार पर सिर्फ दो अधिकारी तैनात हैं. यह स्थिति इसके गठन के समय से ही है. पटना रेंज के मौजूदा आइजी कुंदन कृष्ण के अतिरिक्त एक एसपी इसमें तैनात हैं. दोनों के पास अतिरिक्त प्रभार के रूप में एटीएस की जिम्मेवारी है.
पद सृजित, पर बहाली नहीं
एटीएस की अवधारणा को राज्य में पूरी मजबूती से जमीन पर उतारने के लिए जुलाई 2014 में सभी स्तर के 344 पदों का सृजन गृह विभाग ने किया था, लेकिन इन पर आज तक कोई बहाली नहीं हुई है. बहाली से संबंधित कोई कवायद भी कभी शुरू नहीं की गयी.
इंस्पेक्टर, एसपी समेत सभी स्तर के पदों का सृजन होने के बाद यह प्रस्ताव फाइलों में ही पड़ी हुई है. राज्य में 2013 के दौरान बोधगया के महाबोधि मंदिर में जुलाई और गांधी मैदान में अक्टूबर में दो जबरदस्त बम ब्लास्ट की घटनाएं हुई थी. ये दोनों बड़े आतंकी हमले थे. सूबे के कई सीमावर्ती जिलों में लगातार आतंकी अलर्ट जारी होते रहे हैं.
दरभंगा, मधुबनी में आतंकी मॉड्यूल और स्लीपर सेल के कई लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं. सरकार ने राज्य पुलिस में एक विशेष एटीएस की स्थापना करने की घोषणा की थी. हाल में आइबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियों ने भी आतंकी अलर्ट सूबे में जारी किया है. ऐसे में एटीएस की जरूरत महसूस की जा रही है.
30 करोड़ देने की पहल शुरू
गृह विभाग ने राज्य के एटीएस को सुदृढ़ करने के लिए पहल शुरू की है. संभावना जतायी जा रही है कि मौजूद वित्तीय वर्ष में ही इस संबंध में 30 करोड़ रुपये जारी कर दिये जायेंगे.प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभागीय स्तर पर इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. करीब 25 करोड़ रुपये एटीएस के संसाधन मसलन आधुनिक वाहन, तकनीक समेत अन्य को विकसित करने पर खर्च होंगे, शेष 5 करोड़ से इसका मुख्यालय बनाने की योजना है.

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