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2.50 लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए नहीं है पैसा

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 2.50 लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. इन शिक्षकों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत वेतन की राशि दी जाती है, लेकिन इस मद में अब राशि ही नहीं है. इसकी वजह से सितंबर 2015 के बाद के महीनों की वेतन […]

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 2.50 लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. इन शिक्षकों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत वेतन की राशि दी जाती है, लेकिन इस मद में अब राशि ही नहीं है. इसकी वजह से सितंबर 2015 के बाद के महीनों की वेतन का भुगतान ही नहीं हो सका है. राज्य सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिये हैं और केंद्र सरकार को सर्वशिक्षा अभियान के मद की राशि भुगतान करने को लेकर पत्र भी लिखा है.
60 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 3.14 लाख नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. इसमें से 66 हजार नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार अपने मद से वेतन का भुगतान करती है, जबकि करीब 2.50 लाख नियोजित शिक्षकों को सर्व शिक्षा अभियान की ओर से वेतन का भुगतान किया जाता है. ऐसे 2.50 लाख शिक्षकों के वेतन भुगतान में केंद्र व राज्य का अनुपात 60:40 का रहता है. 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है, जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है.
इस आधार पर केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को अब तक दो इंस्टॉलमेंट दिया है. दोनों इंस्टॉलमेंट मिलाकर केंद्र ने 1743.83 करोड़ रुपये दिया है, जबकि राज्य सरकार ने इसमें राज्यांश के रूप में 1355.18 करोड़ रुपये दिये हैं. इन राशि का भुगतान सितंबर महीने तक के वेतन भुगतान में किया जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के वेतन मद में 4892.86 करोड़ रुपये स्वीकृत बजट है. इसमें राशि नहीं आ पाने के कारण शिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
द्वितीय अनुपूरक बजट में 478 करोड़ रुपये का प्रावधान: उधर, वैसे 66 हजार प्रारंभिक नियोजित शिक्षक जिन्हें राज्य सरकार की ओर से वेतन का भुगतान किया जाता है, उनके फरवरी 2016 तक के वेतन के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में 478 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकार अन्य करीब 2.50 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए वेतन की राशि का इंतजाम करने में लगी है और एक साथ ही सभी शिक्षकों के वेतन की राशि भुगतान करने की तैयारी कर रही है.
उधर, हाइ व प्लस टू स्कूलों के करीब 33 हजार नियोजित शिक्षकों के वेतन की राशि भुगतान करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है. फरवरी महीने तक की राशि के लिए तैयार हो रहे इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसी महीने शिक्षकों के वेतन की राशि जारी की जायेगी.
कहां-कहां हो रही समस्या
-राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को जुलाई 2015 से वेतनमान दे रही है. नया वेतनमान दिये जाने के बाद प्रति शिक्षक तीन से पांच हजार रुपये राशि की बढ़ोतरी हो गयी. केंद्र सरकार से सर्वशिक्षा अभियान में शिक्षकों के वेतन मद में मिलने की राशि में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गयी और करीब 2.50 लाख शिक्षकों को जुलाई से सितंबर महीने तक का वेतनमान निर्धारित वेतन से बढ़ा कर दे दिया गया. इससे इस मद की राशि में अचानक भार पड़ा.
-केंद्र सरकार की ओर से सर्वशिक्षा अभियान में अब तक दो किश्तों में 1758 करोड़ रुपये दिये गये हैं, जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 में करीब सात हजार करोड़ रुपये देने की स्वीकृति हुई. केंद्र की ओर पूरी राशि नहीं आने के कारण भी राशि की कमी हो गयी है.
क्या है समाधान
-राज्य सरकार ने वेतनमान देने के बाद जिस प्रकार प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों के लिए वेतनमान के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में 478 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. उसी प्रकार बचे 2.50 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए भी अलग से राशि की व्यवस्था करायी जाये.
-राज्य सरकार केंद्र से फिर अनुरोध करे कि सर्वशिक्षा अभियान की बची राशि का भुगतान वो जल्द से जल्द करे, ताकि नियोजित शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जा सके.

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