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बिहार : जिसके घर में शौचालय, वही लड़ेगा पंचायत चुनाव
पटना : शौचालय नहीं, तो मुखिया-सरपंच नहीं. राज्य में इस बार पंचायत चुनाव के लिए यह फाॅर्मूला लागू हो गया है. अप्रैल- मई में होनेवाले पंचायत चुनाव को 10 चरणों में कराया जायेगा. पहली जनवरी तक जिनके घरों में शौचालय नहीं बना होगा, वे इस बार पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन पायेंगे.पंचायत चुनाव की […]
पटना : शौचालय नहीं, तो मुखिया-सरपंच नहीं. राज्य में इस बार पंचायत चुनाव के लिए यह फाॅर्मूला लागू हो गया है. अप्रैल- मई में होनेवाले पंचायत चुनाव को 10 चरणों में कराया जायेगा. पहली जनवरी तक जिनके घरों में शौचालय नहीं बना होगा, वे इस बार पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन पायेंगे.पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर सोमवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में ये निर्णय लिये गये. पंचायत चुनाव की अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी कर दी जायेगी.
इस बार उम्मीदवारी के लिए नामांकन पत्र के साथ एक शपथपत्र देना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि पहली जनवरी, 2016 तक उन्होंने शौचालय का निर्माण करा लिया है. पंचायत चुनाव के लिए दो से अधिक बच्चे नहीं होने की शर्त को शिथिल कर दिया गया है यानी जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, वे भी पंचायत चुनाव में सभी पदों के लिए उम्मीदवार बन सकेंगे.
दिन भर चली मैराथन बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार चौहान ने बताया कि त्रिस्तरीय आम पंचायत चुनाव 2016 को 10 चरणों में कराया जायेगा. इसकी अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव का प्रस्ताव आयोग एक सप्ताह के अंदर सरकार के पास सहमति के लिए भेज देगा. यह माना जा रहा है कि एक चरण में औसतन 53 प्रखंडों के अंतर्गत आनेवाली पंचायतों का चुनाव कराया जायेगा. परीक्षाओं और होली के साथ अन्य त्योहारों को ध्यान रखते हुए मतदान की तिथियों का निर्धारण किया जायेगा. इसमें 12-13 लाख के करीब प्रत्याशी शामिल होंगे. निर्वाचन आयुक्त श्री चौहान ने बताया कि पंचायत चुनाव 2016 में पिछले चुनाव से बदलाव किया गया है.
छहों पदों के उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सीमा में भी वृद्धि की जायेगी. हालांकि, उन्होंने इसकी सीमा क्या होगी. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा और न ही इसमें प्रत्याशियों के लिए अधिकतम दो संतान की बाध्यता होगी.
उन्होंने बताया कि मतदान के लिए अभी तक एक लाख 17 हजार बूथ हैं, जिनमें मतदाता सूची के विखंडन के बाद अतिरिक्त बूथों का गठन किया जायेगा. सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ मुख्य सचिव, डीजी, डीआइजी ने समीक्षा बैठक में बताया गया कि मतदान कराने में कोई परेशानी नहीं है. एक चरण के मतदान के लिए 16 हजार 800 होमगार्ड उपलब्ध हैं.
मतदान में हर बूथ पर सशस्त्र बल की तैनाती की जायेगी
उन्होंने बताया कि सोमवार को पदाधिकारियों के साथ कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी. इनमें जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई करना, विधि-व्यवस्था व सशस्त्र बल की आवश्यकता, उसे दी जाने वाली राशि , आदर्श आचार संहिता, नामांकन, निर्वाचन कोषांग व नियंत्रण कक्ष की स्थापना, मतदाता सूची की तैयारी, मतपेटी, मतदान सामग्री, निर्वाची पदाधिकारी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी की नियुक्ति, वज्र गृह व बूथों की स्थापना, शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश की घोषणा, प्रक्षकों की नियुक्ति और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों के रिक्त पदों को भरना शामिल है. इस मौके पर निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन, जनसंपर्क पदाधिकारी शालिग्राम साह सहित आयोग के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
90 प्रतिशत पदों में आरक्षण की स्थिति बदल जायेगी
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस चुनाव में पदों के आरक्षण का चक्र बदल जायेगा और करीब 90 फीसदी पदों में आरक्षण की स्थिति में बदलाव होगा. मंगलवार से दो जिलों के पदों के आरक्षण को आयोग के स्तर पर जांच कर अनुमोदन किया जायेगा. जनवरी में सभी जिलों के आरक्षण को स्वीकृति दे दी जायेगी, जिसे अनुमोदन के बाद जिलाधिकारियों द्वारा प्रकाशित किया जायेगा.
छह पदों पर एक साथ पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव में छह पदों के लिए एक साथ चुनाव कराया जायेगा. इनमें मुखिया के अलावा वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य व जिला पर्षद सदस्य के पद भी शामिल हैं.
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