शाद के स्मारक निर्माण में मिलेगा सहयोग : मंत्री
पटना सिटी : …परदा पोशाने वतन तुमसे तो यह भी न हुआ एक चादर को तरसती रही तुरबत मेरी, …करो वो काम, जो काम है कर गुरजने के, सम लो शाद के दिन आ गये हैं मरने के. खान बहादुर नवाब सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी की यह शायरी उनकी मजार पर एक बार फिर याद […]
पटना सिटी : …परदा पोशाने वतन तुमसे तो यह भी न हुआ एक चादर को तरसती रही तुरबत मेरी, …करो वो काम, जो काम है कर गुरजने के, सम लो शाद के दिन आ गये हैं मरने के.
खान बहादुर नवाब सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी की यह शायरी उनकी मजार पर एक बार फिर याद की गयी. मौका था उनकी 89 पुण्यतिथि पर सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था नव शक्ति निकेतन की ओर आयोजित स्मृति समारोह का. हाजीगंज की लंगुर गली स्थित उनके मजार पर आयोजित समारोह में पहुंचे कला- संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम व राजस्व भूमि सुधार मंत्री मदन मोहन झा ने कहा कि शाद अजीमाबादी की स्मृति को संरक्षित व सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा. समारोह की अध्यक्षता मौलाना मजरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एजाज अली अरशद ने की. अतिथियों पूर्व विधान पार्षद विजय शंकर मिश्र व संचालन कमल नयन श्रीवास्तव ने किया. कार्यक्रम में हिंदी कवि अरुण शाद्वल व उर्दू शायर गौहर शेख पूरबी को शाद अजीमाबादी 2016 के सम्मान से नवाजा गया. महेंद्र अरोड़ा व अकबर रजा जमशेद को साहित्य समाजसेवा सम्मान दिया गया.
इससे पूर्व शाद की मजार पर उपस्थित लोग चारदपोशी की व फातेहा में शामिल हुए. शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद इरशाद अली आजाद ने शाद एकेडमी की स्थापना का भरोसा दिया. कार्यक्रम में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ समेत अन्य ने अपने विचार रखे.