निर्माण कंपनियों को मिले सुरक्षा : मोदी

पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार से निर्माण कंपनियों को त्रिस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान बड़ी मुश्किल से अपराध और भय का माहौल खत्म कर निर्माण कार्यों को गति दी गयी थी. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2016 7:00 AM
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार से निर्माण कंपनियों को त्रिस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान बड़ी मुश्किल से अपराध और भय का माहौल खत्म कर निर्माण कार्यों को गति दी गयी थी. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की लचर स्थिति के कारण ही बिहार में एक भी उद्योग नहीं लगा. उसके पहले के 15 वर्ष में अपराध के कारण बिहार से हजारों उद्योगपतियों व कारोबारियों का पलायन हुआ.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1़ 65 लाख करोड़ के विशेष पैकेज की परियोजनाएं लागू होने वाली हैं. अगर अपराध की यही स्थिति रही तो कोई एजेंसी निर्माण कार्य के लिए तैयार नहीं होगी. राज्य में जहां-जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैं, सरकार वहां निर्माण कम्पनियों को त्रिस्तरीय सुरक्षा मुहैय्या करायें और अपराध की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की.
मोदी ने कहा कि अपराधियों की धमकियों से हलकान बिहार में काम कर रही निर्माण कम्पनियां यहां से भागने के लिए मजबूर हो रही है. बहेड़ी में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद जहां 750 करोड़ की लागत वाली दरभंगा-समस्तीपुर स्टेट हाईवे पर ग्रहण लगा. दीघा-दीदारगंज गंगा एक्सप्रेस वे पर भी अपराधियों की धमकी के बाद संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
हत्या, बैंक लूट की घटनाओं के बाद अब निर्माण एजेंसियों को लगातार धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि दरभंगा में निर्माण कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या करने वाले अपराधी अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.
अपराधियों की धमकी मिलने के बाद दीघा-दीदारगंज गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कर रही नवयुग कंस्ट्रक्षन कम्पनी ने सुरक्षा की गुहार लगाई है.
21.5 किमी लंबे इस एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रही विशाखापत्तनम की कंपनी ने सरकार को दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलती है, वह काम नहीं कर पायेगी. इसके पहले एक जनवरी को रंगदारी की वसूली के लिए नक्सलियों द्वारा आरा-छपरा पुल का निर्माण कर रही कंपनी के कैंप पर हमला किया गया.
मोदी ने कहा कि छपरा में नक्सलियों के हमले के 24 घंटे के अंदर गोपालगंज और बेतिया के बीच गंडक नदी पर 318 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कर रही वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन से लेवी की मांग की गयी.
इसके अलावा सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण के ढाका के बीच फुलवरिया घाट पर पुल का निर्माण करा रही एजेंसी से भी रंगदारी की मांग की गयी है. पूर्वी चंपारण के ही केसरिया और गोपालगंज के सत्तर घाट के बीच गंडक नदी पर 264 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण करा रही कंपनी भी नक्सलियों के निशाने पर है.

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