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डॉक्टरों की मिलीभगत से वार्ड में चल रहा मरहम-पट्टी बेचने का खेल

पटना: पीएमसीएच के वार्डों में ही इन दिनों मरहम-पट्टी बेचने का खेल चल रहा है. यह गोरखधंधा डॉक्टरों की मिली भगत से हो रहा है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को पीएमसीएच में लालजी साह नाम के एक दलाल को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने बताया किया कि वह सिटी स्कैन, एंजियोग्राफी, […]

पटना: पीएमसीएच के वार्डों में ही इन दिनों मरहम-पट्टी बेचने का खेल चल रहा है. यह गोरखधंधा डॉक्टरों की मिली भगत से हो रहा है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को पीएमसीएच में लालजी साह नाम के एक दलाल को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने बताया किया कि वह सिटी स्कैन, एंजियोग्राफी, अल्ट्रासाउंड व अन्य छोटी जांच की दलाली करता है. मरीजों
को अपना शिकार बनाने के लिए वह अस्पताल परिसर में डेरा द्य जमाये हुए था. लालजी साह का यहां एक गैंग भी काम करता है, जो अस्पताल के सभी वार्डों में घूमता रहता है.

मरीज के बेड तक पहुंचती है दवा : पीएमसीएच में इन दिनों तीन गैंग सक्रिय हैं. वहीं, आसपास की अधिकतर दवा दुकानों के भी दलाल हैं. ये दलाल मरीजों को सस्ती और अच्छे क्वालिटी की दवा के नाम पर यहां सप्लाई करते हैं. पकड़े गये दलाल लालजी साह ने बताया कि बड़ी दवा कंपनियों के तीन ऐसे दलाल हैं, जो अस्पताल में सक्रिय हैं. गैंग के एजेंट पीएमसीएच और आइजीआइसी के विभिन्न वार्डों में भरती मरीजों से संपर्क कर दवा सप्लाई करते हैं. खुद दलाल वार्ड के अंदर मरीजों को दवा व मरहम-पट्टी पहुंचाते हैं. इसके एवज में उन्हें अलग से पैसे मिलते हैं. दलाल ने भी बताया कि दवा की सप्लाइ पर उसे मोटी रकम दी जाती है.

लापरवाही : पीएमसीएच में लालजी साह नामक दलाल धराया
मरीजों के साथ दवा की दलाली करने वाले लालजी साह नाम के एक दाल को पकड़ लिया गया है. पीएमसीएच प्रशासन ने उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा दिया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. अस्पताल प्रशासन दलालों पर विशेष नजर रख रही है.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
डॉक्टरों से जैसे ही सूचना मिली हमारी टीम मौके पर पहुंच गयी और दलाल को पकड़ लिया गया. दलाल ने स्वीकार किया है कि वह एक दुकान से मिल कर अस्पताल के अंदर दवा बेचने का कारोबार कर रहा था. मामला दर्ज कर पूछताछ की जा जारी है.
धनंजय कुमार, टीओपी प्रभारी, पीएमसीएच
होती है खरीद-फरोख्त
पीएमसीएच में अगर इलाज के दौरान कोई मरीज संतुष्ट नहीं है, तो उसे दलाल कम खर्च पर इलाज का लालच देकर बाइपास रोड ले जाते हैं. मरीजों को अपनी गाड़ी से लाने ले जाने की सुविधा दी जाती है, ताकि मरीज बीच रास्ते से ही लौट न जाये. बाइपास पर दूसरे दलाल अपने वाहन लेकर मौजूद रहते हैं. मरीज को परिजनों सहित दूसरी गाड़ी में बैठाकर अस्पताल ले जाया जाता है. हर रोज जांच के नाम पर करीब 50 से 100 मरीजों की खरीद फरोख्त होती है. गौरतलब है कि बाइपास पर दर्जनों की संख्या में अस्पताल संचालित हो रहे हैं, जो दलाल नियुक्त किये हुए हैं.

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