जमीन भी, पैसा भी, फिर भी नहीं बना भवन
जमीन भी, पैसा भी, फिर भी नहीं बना भवन आठ वर्षों में भी तैयार नहीं हुआ पीयू के पीजी समाजशास्त्र विभाग का भवन- सैदपुर में मिली जमीन पर अब तक नहीं हुआ कोई काम – वाणिज्य कॉलेज में शरण लिये हुए है विभाग – 50 लाख स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाया भवन, […]
जमीन भी, पैसा भी, फिर भी नहीं बना भवन आठ वर्षों में भी तैयार नहीं हुआ पीयू के पीजी समाजशास्त्र विभाग का भवन- सैदपुर में मिली जमीन पर अब तक नहीं हुआ कोई काम – वाणिज्य कॉलेज में शरण लिये हुए है विभाग – 50 लाख स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाया भवन, लौटानी पड़ी राशिसंवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र स्नातकोत्तर विभाग वर्षों से अपने लिए भवन की बाट जोह रहा है. वह भी तब जब इसके भवन के लिए सैदपुर में जमीन भी मिल चुकी है और इसके लिए पैसे भी स्वीकृत हुए थे. विवि की लापरवाही का आलम यह है कि भवन के लिए मिले करीब 50 लाख रुपये आठ साल से ऐसे ही पड़े रहे और अंतत: उसे ब्याज के साथ वापस भी करना पड़ा. यह विभाग वर्तमान में पटना कॉलेज कैंपस के वाणिज्य कॉलेज के ऊपर वाले फ्लोर पर शरण लिये हुए है. तीन-चार कमरों में किसी तरह इस विभाग को काम चलाना पड़ रहा है.यूजीसी से मिले थे 85 लाखइसके रखरखाव और भवन के निर्माण के लिए यूजीसी के तरफ से करीब 85 लाख रुपये मिले थे. इसमें 50 लाख भवन के लिए थे. 10 लाख छत के रिपेयर के लिए मिला था. इसमें 5 लाख खर्च हुए और 5 लाख वापस करना पड़ा. इसके अतिरिक्त 25 लाख रुपये डेवलपमेंट खर्च के लिए मिला था. इसमें से भी आधा पैसा खर्च हुआ है और आधा बचा है जिसे वर्तमान भवन के ही रखरखाव पर खर्च किया जा रहा है. समाजशात्र विभाग की छत पर ही एक सभागार बनाया जा रहा है उसमें उक्त राशि को खर्च किया जा रहा है.सैदपुर की जमीन पर शिक्षकों को आपत्तिहालांकि सैदपुर में जमीन लेने को लेकर विभाग के शिक्षकों को थोड़ी आपत्ति है. इसके पीछे का कारण है कि सारे पीजी विभाग विवि के समीप रहेंगे और सैदपुर में अकेला समाजशास्त्र विभाग का जाना शिक्षक उचित नहीं मान रहे हैं. क्योंकि वह रेसिडेंसियल इलाका है और वहां सिर्फ एक विभाग का अलग कोर्स कराना वही भी तब जब सभी पीजी के छात्रावास वहीं हैं. शिक्षक कहते हैं कि छात्राओं के लिए क्लास करने के लिए यह इलाका ठीक नहीं है.जगह के अभाव से हमारा विभाग तो जूझ रहा है. पूर्व में जो राशि आई थी उसमें जो बचा है उससे सभागार बनाने का काम किया जा रहा है. लेकिन अच्छा होगा कि हमें पटना कॉलेज में ही वीसी आवास के समीप जहां अतिक्रमण हटाया गया, वहां जमीन मिल जाये ताकि हम अपना भवन वहां बनाने को लेकर प्रयास कर सकें. सैदपुर में तो ना शिक्षक ही जाना चाहते हैं और ना ही छात्र. विवि अगर गंभीरता से इस विभाग के बारे में सोचे तो कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलेगा. प्रो आरएन शर्मा, विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र, पीयू