नौकरी तो मिली, पर सात महीने बाद भी नहीं मिला वेतन

नौकरी तो मिली, पर सात महीने बाद भी नहीं मिला वेतनसंवाददाता, पटनाएक ओर सरकार राज्य के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बहाल करने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर राज्य के स्कूलों में बहाल शिक्षक वेतन बगैर पढ़ाने को विवश हैं. उन्हें नौकरी तो दे दी गयी, पर वेतन नहीं दिया जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 11:36 PM

नौकरी तो मिली, पर सात महीने बाद भी नहीं मिला वेतनसंवाददाता, पटनाएक ओर सरकार राज्य के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बहाल करने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर राज्य के स्कूलों में बहाल शिक्षक वेतन बगैर पढ़ाने को विवश हैं. उन्हें नौकरी तो दे दी गयी, पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. ये हाल बिहार के उन नियोजित शिक्षकों का है जिनकी नियुक्ति बीते वर्ष जुलाई में हुई थी. इन्हें सात माह के बाद भी वेतन का लाभ नहीं मिल सका है. लगा रहे हैं कार्यालयों का चक्करबिहार में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 70 हजार हैं. इनमें पटना जिला में लगभग 500 शिक्षक स्कूलोंं में नियुक्त हैं. इनमें कई महिला शिक्षिका भी हैं, जिन्हें दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ाने जाना पड़ता है. शिक्षक कभी जिला कार्यालय तो, कभी सचिवालय में शिकायत कर रहे हैं. पर, उन्हें वेतन संबंधी सूचना नहीं दी जा रही है. नौकरी छोड़ने को विवश शिक्षक पंकज कुमार ने बताया कि सात महीने हो गये हैं, पर वेतन नहीं मिला है. घर परिवार भी मदद करने को तैयार नहीं है. ऐसे में खुद भूखे रह कर कब तक बच्चों को शिक्षित कर पायेंगे. शिक्षक प्रेम कुमार ने बताया कि तीन महीने से सचिवालय और डीइओ कार्यलय का चक्कर लगा रहे हैं. पर, न तो विभाग द्वारा सही सूचना दी जा रही है और न ही जिला कार्यलय से. इससे कई बार निराश होकर नौकरी छोड़ने का विचार मन में आ रहे है. कोटशिक्षकों की नियुक्ति के बाद से इनका पेपर वर्क का काम पूरा नहीं हो सका है. चुनाव कार्यों के कारण यह काम लंबित है. वहीं, विभाग द्वारा भी इन शिक्षकों से संबंधित कार्य पूरे नहीं किये जा सके हैं.शशिभूषण राय, जिला शिक्षा पदाधिकारी \\\\B

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