BPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी 69वीं बीपीएससी के रिजल्ट से खुद को प्रोत्साहित जरूर कर सकते हैं. हाल में आया बीपीएससी रिजल्ट उन अभ्यर्थियों को और अधिक प्रोत्साहित करता है जो हिंदी माध्यम से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. बीपीएससी परीक्षा का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है और अभ्यर्थियों की संख्या भी उसी हिसाब से बढ़ रही है. इस परीक्षा में बीटेक डिग्री लेकर जॉब कर रहे अभ्यर्थियों की भी दिलचस्पी बढ़ी है और जिस तरह परिणाम सामने आए हैं, उसने बीटेक डिग्री वाले अभ्यर्थियों की भी उम्मीदें बढ़ा दी है.
इंजीनियरिंग के छात्रों का क्रेज बढ़ा, हिंदी माध्यम वालों का बोलबाला
69वीं बीपीएससी परीक्षा में टॉप 3 अभ्यर्थी बीटेक किए हुए हैं. इंजीनियरिंग करने के बाद बीपीएससी की परीक्षा पास करके अधिकारी बनने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं इसबार हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए भी खुशखबरी है. इस बार के रिजल्ट में हिंदी का बोलबाला रहा है. मेंस लिखने से लेकर हिंदी में इंटरव्यू देने वालों ने इसबार शीर्ष स्थान पर कब्जा किया है. 10 साल के बाद इसबार हिंदी माध्यम से ही सभी शीर्ष पर रहे हैं. टॉप के सभी अभ्यर्थी सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल किए हुए हैं.
नौकरी में रहकर रात में की पढ़ाई, टॉपर बने उज्जवल
69वीं बीपीएससी के टॉपर सीतामढ़ी के उज्जवल बीटेक डिग्री हासिल किए हुए हैं. गांव के ही स्कूल और कॉलेज से उन्होंने 10वीं और 12वीं पास किया. उज्जवल कल्याण पदाधिकारी के पद पर हैं और सुबह 10 से शाम 5 तक ड्यूटी करके भी वो रात में 2 बजे तक पढ़ते थे. उज्जवल ने हिंदी माध्यम से परीक्षा देकर टॉप स्थान हासिल कर लिया. बता दें कि इसबार टॉप 10 में 5 अभ्यर्थियों ने नौकरी में रहते हुए बाजी मारी है.
चौथे प्रयास में हुए सफल, 10वें रैंक पर किया कब्जा
10वां स्थान हासिल करने वाले जमुई जिले के सिंगारपुर खैरा प्रखंड निवासी नीरज कुमार ने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की. हर बार असफल होकर भी वो दोगुने उत्साह के साथ मेहनत करते रहे. बिहार बोर्ड के छात्र रहे नीरज ने सेल्फ स्टडी से यह रैंक प्राप्त किया. उन्होंने हिंदी मीडियम से यह परीक्षा दी थी.
गांव में रहकर ही मार ली बाजी, मजदूर का बेटा बनेगा अफसर
295वें रैंक लाने वाले हाजीपुर के राजीव कुमार ने गांव में रहकर ही बीपीएससी की तैयारी की. उनके पिता मजदूरी करके बच्चों की परवरिश करते. चार भाइयों में सबसे बड़े राजीव के ऊपर काफी जिम्मेदारी थी. बुआ के पास दिल्ली में रहने वाले राजीव अपनी मां की तबीयत बिगड़ने पर 2019 में गांव आ गए और जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी. माता-पिता का सपना था कि मैं अधिकारी बनूं. उनके सपनों को अपना जुनून बनाकर राजीव ने सफलता हासिल की.
घर में रहकर की तैयारी, चौथी बार में पा लिया छठा रैंक
औरंगाबाद जिले की रहने वाली क्रांति कुमारी ने 69वीं बीपीएससी में 6वां स्थान हासिल किया हैं. इन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है.उन्होंने घर में रहकर ही बीपीएससी की तैयारी की.बीपीएससी परीक्षा में सेकेंड टॉपर गया के सर्वेश कुमार ने चौथी बार में यह सफलता हासिल की. बार-बार चूकने के बाद भी वो निरंतर मेहनत करते रहे और जब सफलता मिली तो सेकेंड टॉपर ही बन गए.