कुल 8775 करोड़ का किया गया संग्रह जीएसटी के रेट रेशनलाइजेशन और रियल इस्टेट से संबंधित मंत्री समूह में बिहार को किया गया है नामित संवाददाता,पटना उपमुख्यमंत्री सह वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के सकारात्मक परिणाम स्पष्ट दिखायी देने लगा है. राज्य सरकार के प्रभावी कर प्रशासन और करदाताओं के सहयोग से पिछले सात वर्षों में वाणिज्य कर विभाग का कर संग्रह दोगुना से भी अधिक हो गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह में 11 % की वृद्धि के साथ 38210 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ. वहीं वर्ष 2024-25 के प्रथम तिमाही के जीएसटी संग्रह में 7% की वृद्धि के साथ कुल 8775 करोड़ का संग्रह किया गया है. बुधवार को श्री चौधरी, विधानसभा में जीएसटी संशोधन विधेयक पेश करने के बाद इस पर सरकार का पक्ष रख रहे थे.विपक्ष के वॉकआउट के बीच यह संशोधन विधेयक ध्वनिमत से सदन से पास कर दिया.उन्होंनेे कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में करदाताओं के लिए एक एमनेस्टी स्कीम भी लाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें प्रारंभ के तीन वर्षों के लिए निर्गत डिमांड के मामले में (लेकिन फ्रॉड के मामलों को छोड़कर) कर की राशि जमा कर देने पर ब्याज एवं पेनाल्टी पूर्णतया माफ हो जायेगी.उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद् द्वारा गठित कई मंत्री समूह (जीओएम) और रेट रेशनलाइजेशन कमिटी में बिहार की भागीदारी है, जबकि रियल इस्टेट से संबंधित मंत्री समूह में बिहार सदस्य के रूप में नामित किया गया है. तंबाकू,पान-मसाल निर्माताओं को देनी होगी पैकिंग मशीन की जानकारी,नहीं तो लगेगा पैनेल्टी वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि तंबाकू, पान-मसाला आदि ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें कर चोरी के मामले अधिक रहे हैं. अब इन वस्तुओं के निर्माताओं को पैकिंग मशीनों की सारी जानकारी ऑनलाइन माध्यम से विभाग को देनी होगी. इस प्रावधान का उल्लंघन करने वालों के लिए पेनाल्टी का प्रावधान पहले नहीं थे, अब इसके लिए पैनेल्टी का प्रावधान किया गया है. वहीं दूसरे संशोधन विधेयक के बारे में श्री चौधरी ने बताया कि इस संशोधन के माध्यम से भी करदाताओं की सुविधा बढ़ाने का प्रयास किया गया है.जीएसटी के तहत अब यह प्रावधान है कि यदि कोई कंपनी हेड ऑफिस से पूरे देश के लिए समेकित रूप से कोई सेवा प्राप्त करती है. जैसे कि पूरे देश में कंपनी के विज्ञापन का प्रसारण और जिसका लाभ देश के सभी राज्यों में स्थित उसकी ब्रांच को होता है, तो हेड ऑफिस के द्वारा चुकाये गये कर का क्रेडिट सभी ब्रांचों को ट्रांसफर करने के लिये ””””””””इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की व्यवस्था की गयी है. इस व्यवस्था में अभी कुछ अस्पष्टता थी. संशोधन के माध्यम से ””””””””इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर और इनके द्वारा क्रेडिट के वितरण के प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है