बिहार के मेधावी विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए राज्य के बाहर पलायन रोकने के लिए चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी के नये कोर्स शुरू किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों जिसमें वर्तमान नौ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और आठ प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों में सात सुपर स्पेशियलिटी कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया है. इससे सुपर स्पेशियलिटी विभाग में डॉक्टरों की कमी पूरी होगी और बिहार के मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो जायेगा.
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पहले से चले आ रहे 24 विभागों के अलावा नये सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोलने का निर्णय लिया है. नये कोर्स की पहली बार पढ़ाई राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कराने की तैयारी है. पहले इन विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की गाइडलाइन के आलोक में नये कोर्स में शैक्षणिक कार्य आरंभ किया जायेगा.
विभाग द्वारा राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जिन नये कोर्स की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया है, उनमें इमरजेंसी मेडिसिन विभाग, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, इम्युनोहेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, वायरोलॉजी और स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग शामिल हैं. कोविड महामारी के दौरान इमरजेंसी मेडिसिन, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ एडमिस्ट्रेशन और वायरोलॉजी जैसे विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में आवश्यकता महसूस की गयी थी.
स्वास्थ्य विभाग भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन नये विभागों में शैक्षणिक कार्य आरंभ करने की तैयारी में है. विभाग ने इसके लिए हर विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, छह असिस्टेंट प्रोफेसर, नौ सीनियर रेजिडेंट और नौ मेडिकल ऑफिसर या जूनियर रेसिडेंट के अलावा नर्सिंग स्टॉफ, लैब टेक्निशियन सहित अन्य पदों का सृजन भी किया है.
पटना मेडिकल कॉलेज में कैंसर विभाग को भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए कैंसर से जुड़े सभी कोर्स शुरू करने का निर्णय किया है जिससे कैंसर के मरीजों को राज्य के बाहर जाने की आवश्यकता नहीं हो. स्वास्थ्य विभाग ने पीएमसीएच के कैंसर विभाग में जिन नये कोर्स की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है उसमें गायनेकोलॉजिकल अंकोलॉजी, मेडिकल अंकोलॉजी, सर्जिकल अंकोलॉजी, न्युक्लियर मेडिसिन, प्रीवेंटिव अंकोलॉजी और मेडिकल फिजिक्स कोर्स शामिल हैं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इससे मेडिकल एजुकेशन के फील्ड में व्यापक बदलाव दिखने लगेगा.