पटना : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के करीब 70 लोग बिहार आने के बाद अलग-अलग मस्जिदों या इससे जुड़े मुसाफिरखाने में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर क्वॉरेंटाइन कर कोरोना वायरस की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दिल्ली के तबलीगी जमात से लौटने के बाद बिहार में छिपे लोगों की संख्या बढ़ कर करीब 162 हो गयी है. बिहार के 86 लोगों के अलावा 57 विदेशी नागरिकों के नाम भी सामने आये हैं.
कटिहार के सात लोगों का एक समूह भी लापता है. यह समूह विदेश से आने के बाद सीधे मरकज में शामिल हुआ था. बिहार आये विदेशियों में 18 ऐसे हैं, जिनके बारे में अब भी यह पता नहीं चल पाया है कि वे बिहार में किस जिले में छिपे हैं. इनकी तलाश के लिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा एसटीएस, स्पेशल ब्रांच की अलग-अलग टीमों को लगाया गया है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि 162 लोगों के तबलीगी जमात में शामिल होने की सूचना है. इनमें 86 लोगों की जानकारी मिली है. पुलिस और एटीएस को भी उनकी पहचान करने में लगाया गया है. 86 की सूची की पहचान करायी जा रही है. कुछ लोग दिल्ली में क्वारंटीन में हैं.
सूत्रों के मुताबिक बिहार के सभी 86 लोगों की ट्रैकिंग इस वजह से नहीं हो पायी है, क्योंकि इनमें कुछ लोग अभी अपने घर नहीं पहुंचे हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बुधवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भाग लेने के बाद बताया कि बिहार के 86 लोगों में अब भी 49 लोगों की ट्रैकिंग होना बाकी है. इनके अलावा 57 विदेशियों की तलाश भी की जा रही है. विदेश से बिहार लौटे करीब चार हजार लोगों पर नजर रखी जा रही है. गृह विभाग के उच्चपदस्थ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएस-स्पेशल ब्रांच को चार सूचियां सौंपी गयी हैं. एक सूची 86 बिहारियों की है. दूसरी सूची 57 विदेशियों की है. तीसरी सूची में मॉरीशस के दो लोग हैं, जो मुंबई से मरकज में गये और वहां से बिहार आ गये. चौथी सूची कटिहार के सात लोगों की है. इन सभी को एटीएस और स्पेशल ब्रांच तलाश कर रही है.
बताया जाता है कि ये सभी लोग तबलीगी जमात की ओर से धर्म प्रचार के सिलसिले में आये हुए हैं. इनमें अधिकतर विदेशी हैं. इन लोगों से सघन पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. साथ ही इनकी ट्रैवेल हिस्ट्री ली जा रही है. ट्रैवेल हिस्ट्री के आधार पर यह पता लगाया जायेगा कि इन लोगों ने कहां-कहां की यात्रा की है. खासकर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद ये लोग कहां-कहां गये थे और किन-किन लोगों के संपर्क में आये थे. इनका पूरा ब्योरा लिया जा रहा है. मालूम हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद सूबे की अधिकतर मस्जिदों को बंद कर दिया गया है. साथ ही सामूहिक नमाज नहीं करने की सलाह दी गयी है.
पटना के समनपुरा स्थित बिलाल मस्जिद में 10, फुलवारीशरीफ के सांगी मस्जिद में सात, बक्सर जिले के नया भोजपुर स्थित बड़ी मस्जिद में 12, अररिया के जामा मस्जिद में 10, सुल्तानगंज के हीर मस्जिद में 15 और मसौढ़ी के जामा मस्जिद में 12 लोग पहुंचे हैं.
तबलीगी जमात से बिहार लौटनेवाले 86 लोगों के अलावा 57 विदेशी नागरिक भी हैं, जो बिहार आये हैं. 57 विदेशियों की सूची में थाइलैंड और मलयेशिया के चार-चार, बांग्लादेश के 32, इंडोनेशिया के 13 नागरिक हैं. किर्गिजस्तान के दो और म्यांमार व ऑस्ट्रेलिया के एक-एक नागरिक हैं. इनमें किशनगंज में थाइलैंड के दो व इंडोनेशिया के तीन व अररिया में तीन का लोकेशन मिला है. थाइलैंड के दो नागरिकों का लोकेशन अभी नहीं मिला है. किर्गिजस्तान का एक नागरिक औरंगाबाद और दूसरा भागलपुर में तलाशा जा रहा है. म्यांमार व ऑस्ट्रेलिया के एक-एक नागरिक दरभंगा में खोजा जा रहा है. कई ऐसे विदेशी हैं जिनकी पहचान हो गयी है लेकिन अभी उनकी लोकेशन नहीं मिली है.
जो सूची आयी है और तबलीगी जमात के जिन लोगों के बारे में जैसे-जैसे सूचना मिल रही है या उनका पता चल रहा है. उन लोगों को आइसोलेशन में रखने का काम तेजी से किया जा रहा है. सूबे की अधिकतर मस्जिदें बंद हैं और सामूहिक नमाज भी नहीं हो रहा है. ऐसे में अगर कोई अन्य किसी स्थान पर रुके हुए हैं, तो इसकी जानकारी ली जा रही है. फिलहाल राज्य सरकार हर पहलू की जांच कर रही है.
आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग
18 मार्च के बाद विदेश से बिहार आनेवालों की करायी जायेगी जांच दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में शामिल होनेवाले लोगों में पटना के 17 और बक्सर के 13 लोगों की जानकारी मिली है. इनका सैंपल लेकर जांच करायी जा रही है. कुर्जी इलाके में 10 और फुलवारी में सात लोगों की सूचना मिली है. उनकी जांच करायी गयी, तो उनमें कोरोना निगेटिव मिला है. 18 मार्च के बाद जो भी लोग विदेश से बिहार आये हैं, उनकी जांच की कारवाई जा रही है.
संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग