दाखिल-खारिज के 70% मामले अगले माह तक निबटाने का लक्ष्य
राज्य के अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज के करीब छह लाख मामले लंबित हैं.
संवाददाता, पटना राज्य के अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज के करीब छह लाख मामले लंबित हैं. साथ ही डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार और छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए परिमार्जन प्लस पर किये आवेदनों के निपटारे की गति भी बहुत धीमी है. इस कारण जमीन के दस्तावेज अपडेट नहीं हो रहे हैं. इसका असर जमीन सर्वे की प्रकिया पर भी हो रहा है और कागजात के अभाव में जमीन के वास्तविक रैयतों द्वारा सर्वे के लिए स्वघोषणा करने की गति भी धीमी है. हालांकि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से चार लाख यानी करीब 70 फीसदी दाखिल खारिज के मामलों का निपटारा त्वरित गति से नवंबर तक करने का निर्देश सभी अंचल अधिकारियों को दिया गया है. साथ ही परिमार्जन प्लस पोर्टल के किये गये 50 फीसदी आवेदनों का निपटारा अक्टूबर के अंत तक करने का निर्देश दिया गया है. दरअसल दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदनों के लंबित होने का एक बड़ा कारण आवेदनों की त्रुटि जांच के दौरान गलती पाया जाना सामने आया है. आवेदन की गलतियों को सुधारने का विकल्प पहले अंचल अधिकारियों के लाॅग इन से दिया गया था. उसे बाद में बंद कर दिया गया और आवेदन को आवेदकों के पास लौटाकर उनसे ही सुधार करवाने की व्यवस्था की गयी. इस कारण इसमें देर होने से दाखिल खारिज के आवेदन भी बड़ी संख्या में लंबित होने लगे. अब ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया के त्वरित कार्यान्वयन के लिए सॉफ्टवेयर में सुधार किया गया है. इसके तहत त्रुटि जांच मॉड्यूल लागू किये जाने के पहले के सभी आवेदनों के त्रुटियों को सुधार किये जाने की सुविधा पहले की तरह ही अंचल अधिकारी के लॉग इन में उपलब्ध करा दी गयी है. इस संबंध में विभाग की तरफ से सभी डीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है. साथ ही इस जानकारी से सभी अंचल अधिकारियों को अवगत कराने के लिए कहा गया है. राजस्व कार्यों की प्रगति रिपोर्ट ठीक रखने का अंचल अधिकारियों को निर्देश : अंचल कार्यालयों के निरीक्षण कार्य में गुणवत्ता और पारदर्शिता के लिए विभाग द्वारा पोर्टल विकसित किया गया है. यह पोर्टल अंचल अधिकारी के ऑनलाइन रिपोर्टिंग लॉगिन में उपलब्ध है. पोर्टल पर राजस्व संबंधी कार्यों की प्रगति और अंचल कार्यालय के रजिस्टर की स्थिति से संबंधित आंकड़ों की इंट्री होती है. अंचल अधिकारियों को अपने अंचल का स्व-निरीक्षण कर इसे पोर्टल पर अपलोड किये जाने का निर्देश दिया गया है.
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