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नौ दिनों में 700 से अधिक भर्ती मरीजों ने आइजीआइएमएस व पीएमसीएच छोड़ा

कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप व हत्या के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार नौवें दिन भी जारी रही. इसके कारण इन दोनों अस्पतालों में नौ दिनों में 700 से अधिक भर्ती मरीज लौट चुके हैं.

संवाददाता, पटना : कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप व हत्या के मामले में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को लगातार नौवें दिन भी जारी रही. इसके कारण ओपीडी में पूरी तरह से सन्नाटा रहा. कई मरीज विभिन्न जिलों से हड़ताल टूटने की संभावना के साथ पीएमसीएच व आइजीआइएमएस पहुंचे थे, लेकिन उन्हें फिर से निराश होकर लौटना पड़ा. भोजपुर, बक्सर, गया, औरंगाबाद, सहरसा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत अन्य जिलों से मरीज डॉक्टरों से परामर्श लेने और फॉलोअप के लिए पहुंचे थे. वहीं, अब भर्ती मरीज भी परेशान होकर लौटने लगे हैं. आंकड़ों के मुताबिक इन दोनों अस्पतालों में बीते नौ दिनों में 700 से अधिक भर्ती मरीज लौट चुके हैं. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच में 475 और करीब 225 मरीज आइजीआइएमएस के जनरल समेत अन्य वार्डों के शामिल हैं.

अब तक 1 लाख 35 हजार मरीज इलाज से हुए वंचित

बीते नौ दिनों से, एनएमसीएच, पटना एम्स और आइजीआइएमएस में एक लाख 35 हजार से अधिक मरीज सिर्फ ओपीडी परामर्श से वंचित हो चुके हैं. इन चारों अस्पतालों में रोजाना 14000 से 15000 हजार मरीज इलाज कराने के लिए ओपीडी में आते हैं. ऐसे में अब ओपीडी में ताला लगने के चलते सीनियर डॉक्टर भी अस्पताल नहीं आ रहे हैं, जिससे मरीजों का प्रवेश वंचित हो गया है. ही रात बिना रहे हैं.

आइजीआइएमएस में मानव शृंखला, तो पीएमसीएच के डॉक्टर सड़क पर उतरे

आइजीआइएमएस में आरडीए के तहत #जस्टिस 4 आरजीकर के नाम से मानव शृंखला बना कर विरोध प्रदर्शन किया. इसमें संस्थान के निदेशक डॉ बिंदे कुमार, उपनिदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल समेत एक हजार स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए. वहीं दूसरी ओर पीएमसीएच जेडीए ने भी विरोध प्रदर्शन किया. जूनियर डॉक्टरों ने पीएमसीएच से कारगिल चौक तक पैदल मार्च किया और नारेबाजी की.

पीएमसीएच के ट्रॉली मैन भी गये हड़ताल पर

कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में पीएमसीएच के ट्रॉली मैन भी हड़ताल पर चले गये. मंगलवार को दोपहर तक काम करने के बाद कर्मचारियों ने बैठक की और हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया. इधर ट्रॉली मैन के हड़ताल का असर मरीजों पर देखने को मिला. अधिकांश मरीज के परिजन अपने मरीज को ट्राॅली पर ले जाते देखे गये.

आइजीआइएमएस में आज खुलेगा ओपीडी

आइजीआइएमएस के ओपीडी में बुधवार से ओपीडी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. एक विभाग में अधिकतम 25 मरीजों का रजिस्ट्रेशन कर इलाज किया जायेगा. संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि हड़ताल के दौरान मरीजों की परेशानी को देखते हुए मंगलवार को निदेशक डॉ बिंदे कुमार की देखरेख में बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है. ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जायेगा.

अधिक बीमार मरीजों का इमरजेंसी में हुआ इलाज

आइजीआइएमएस के ओपीडी में आने वाले अधिक बीमार मरीजों का मंगलवार को इमरजेंसी वार्ड में इलाज किया गया. संस्थान प्रशासन के अनुसार करीब 200 से अधिक मरीजों का इलाज इमरजेंसी वार्ड में किया गया. वहीं, आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि वैसे मरीज, जिनकी हालत खराब है और अधिक बीमार हैं, उनका इलाज इमरजेंसी वार्ड में करने का निर्देश जारी किया गया है. दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों की टीम मंगलवार को इमरजेंसी वार्ड में लगायी गयी थी. सामान्य रोग व परामर्श लेने वाले मरीजों को अगले दिन आने के लिए कहा गया है. जब तक हड़ताल खत्म नहीं हो रही है, तब तक विकल्प के रूप में यह व्यवस्था शुरू की गयी है. मरीज के साथ एक परिजन को ही आने की अनुमति दी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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