कोई खोज कर ला दो मेरे लाल को

पटना: बदहवास हालत में कलावती सड़कों इधर उधर भटक रही हैं. लोगों से अपने बेटे का पता पूछ रही हैं. उनकी आंखों में आंसू हैं. बाल बिखरे हुए हैं. हाथों के इशारे से वे पुलिस के साथ ही आम पब्लिक से बेटे की ऊंचाई बताने से लेकर उसके कपड़े और रंग के बारे में बता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2013 7:36 AM

पटना: बदहवास हालत में कलावती सड़कों इधर उधर भटक रही हैं. लोगों से अपने बेटे का पता पूछ रही हैं. उनकी आंखों में आंसू हैं. बाल बिखरे हुए हैं. हाथों के इशारे से वे पुलिस के साथ ही आम पब्लिक से बेटे की ऊंचाई बताने से लेकर उसके कपड़े और रंग के बारे में बता रही हैं, लेकिन शायद उनके बेटे का पता किसी को नहीं मालूम था. तभी तो आर ब्लॉक पर मौजूद हर इनसान का एक ही जवाब होता था कि दादी मुङो नहीं पता है कि आप का बेटा कहां है.

आर ब्लॉक से गायब हुआ बेटा
आरा की रहने वाली 62 वर्षीय कलावती सोमवार को एम्स में अपने बेटे राहुल के साथ आई थीं. उसे बहुत दिनों से आंखों से कम दिखाई दे रहा था. स्थानीय डॉक्टरों से काफी इलाज कराने के बाद भी जब आंखें ठीक नहीं हुई तो वह बेटे के साथ एम्स आ गयीं. यहां पर डॉक्टरों ने कलावती को मोतियाबिंद होने की बात कहते हुए जनवरी में ऑपरेशन करने का आश्वासन दिया. साथ ही एक माह का दवा दी.

इसके बाद वह अपने बेटे के साथ ऑटो से आर ब्लॉक होते हुए रेलवे स्टेशन जा रही थीं. लेकिन जब वह आर ब्लॉक के समीप पहुंचीं तो पुलिस ने ऑटो को आगे जाने से मना कर दिया. इसके बाद वह पैदल ही रेलवे स्टेशन की तरफ जाने लगीं. लेकिन उसी समय छात्रों के प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इसी दौरान अचानक मची भगदड़ के कारण लोग इधर उधर भागने लगे. इसी क्रम में कलावती का साथ बेटे राहुल से छूट गया. वह आर ब्लॉक चौराहा स्थित गोलंबर पर बैठ कर राहुल का इंतजार करने लगी, लेकिन काफी इंतजार के बाद भी बेटा नहीं आया तो बूढ़ी मां ने उससे खोजना शुरू किया.

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